जल्द ही लटक सकता है पार्सल कार्यालय पर ताला
कैसर परवेज
भदोही : कभी रेल विभाग की कमाई का बेहतर माध्यम बनने वाला पार्सल विभाग इन दिनों अपनी हालत पर खुद सिसक रहा है। कालीन नगरी के भदोही स्टेशन स्थित पार्सल कार्यालय की हालत देखने के बाद इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
एक जमाना था कि भदोही रेलवे स्टेशन से मुंबई, दिल्ली सहित अन्य महानगरों को भारी तादाद में कालीन व कालीन सम्बंधी मैटेरियल बुक कराए जाते थे। इस दौरान न सिर्फ विभाग को बेहतर आमदनी होती थी बल्कि व्यवसायियों को भी काफी राहत मिलती थी। समय बदलने के साथ रेलविभाग ने माल भाड़े में बढ़ोतरी तो कर दी लेकिन सुविधाओं में व्यापक कटौती हो गई। नतीजा यह हुआ कि लोग ट्रांसपोर्ट के जरिए माल भेजने पर मजबूर हो गए। हालांकि छोटे व मझोले व्यवसाई आज भी ट्रेन से ही माल बुक कराने में विश्वास रखते हैं। उनका कहना है कि कम माल बुक कराने के लिए ट्रेन सबसे उपयुक्त साधन है। हालांकि लोगों को इस बात का मलाल है कि अब विभागीय कर्मचारी माल बुकिंग व लोडिंग में दिलचस्पी नहीं लेते। जमुनीपुर कालोनी निवासी कालीन व्यवसायी शाहिद अंसारी का कहना है कि अब ट्रेन से माल बुक कराना नुकसान का सौदा साबित हो रहा है। स्टेशन से प्रतिदिन गुजरने वाली मुंबई की दो ट्रेनों में महज एक पर ही माल लोड कराया जा सकता है उस पर भी अगर ट्रेन दूसरे प्लेटफार्म पर लग गई तो लोडिंग नहीं होती। जिसके कारण समय से ग्राहक के पास माल नहीं पहुंच पाता।
उधर दो पहिया वाहन सहित अन्य जरूरत के सामानों की बुकिंग तो की जाती है लेकिन डिलीवरी का यह हाल है कि माल कब मिलेगा कोई गारंटी नहीं है। यही कारण है कि पार्सल विभाग के माध्यम से माल बुक कराने से पहले लोग सौ बार सोचने को विवश हो रहे हैं।
पार्सल की हालत ठीक नहीं
अब व्यवसायी सड़क मार्ग से माल भेजना अधिक पसंद करते हैं। रेल विभाग ने फास्ट ट्रेनों का स्टापेज घटा दिया है। दो मिनट के ठहराव वाली ट्रेनों पर माल कैसे लोड किया जा सकता है। जंघई सहित अन्य छोटे मोटे स्टेशनों पर तो पार्सल कार्यालय ही बंद कर दिया गया है। यही हाल रहा तो जल्द ही अन्य पार्सल कार्यालयों पर ताला लटक जाएगा।
-कोमल सिंह प्रभारी स्टेशन अधीक्षक