नहीं टूट रही खामोशी, उलझन में प्रत्याशी
बस्ती :मतदाताओं को मनाने के लिए प्रत्याशी भी दिन-रात एक कर दिए हैं। स्टार प्रचारकों की आमद तेज हो गई
बस्ती :मतदाताओं को मनाने के लिए प्रत्याशी भी दिन-रात एक कर दिए हैं। स्टार प्रचारकों की आमद तेज हो गई है। नेता पूरी फौज के साथ चुनावी पिच पर उतर चुके हैं। रात दस बजे तक भोंपू से गीत-संगीत बजा कर मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने का पूरा प्रयास हो रहा है। इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे खास बात यह है कि मतदाता अपनी चुप्पी नहीं तोड़ रहे हैं। आंकड़ों के जरिए चुनाव की गणित लगाने वाले बाजीगर यह नहीं समझ पा रहे हैं कि मतदाता सोच क्या रहा है। कौन किसे वोट करेगा, हार-जीत का अंतर क्या होगा यह सारे समीकरण इस बार उलझे हुए हैं। प्रत्याशी घर-घर पहुंचकर वोटर रूपी भगवान के पैर पकड़ रहे हैं, लेकिन भगवान आशीर्वाद देंगे कैसे अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है। पुराने खिलाड़ी भी गणित हल करने में जुटे हैं। अपने-अपने हिसाब से सियासी गोटियां आंकड़ों में सेट तो की जा रही हैं लेकिन पक्के तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा रहा है। समीकरण से दूर मतदाता अपना फैसला क्या सुनाएगा यह अब भी सवालों के घेरे में है। इस दंगल में किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा और क्षेत्र की रहनुमाई का मौका मिलेगा यह तो 11 मार्च को ही पता चलेगा। बस्ती सदर विधानसभा क्षेत्र के सराय गांव में धूप सेक रही अम्मा बुधना देवी जैसे ही चुनावी भोंपू की आवाज सुनती हैं तो शोर से परेशान हो जाती हैं। कहती हैं यह लोग बेकार ही घूम रहे हैं जिसको जहां वोट देना है वह तो पहले से तय कर बैठा है। मतदाताओं की प्रत्याशियों के प्रति ऐसी अरुचि यह बताने को काफी है कि इस बार मतदाता शोर-गुल पर तो कतई वोट देने वाला नहीं है।
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जो जीतेगा, उसी को जिता देंगे
जनपद में विधानसभा चुनाव मतदान की तारीख अब निकट आ गई है। पहले होता था कि फलां प्रत्याशी तो जीत जाएगा, उसके वोट सालिड हैं, लेकिन वह वोट इस बार चाहे बिखर गया हो या फिर वह वोटर बोल न रहा हो, इसके नाते सारी गणित फेल हो गई है। वोटर तो यह भी कहने से नहीं चूक रहे हैं कि जो जीतेगा उसी को जिता दिया जाएगा, लेकिन वह कौन होगा यह कहना मुश्किल है।
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फैसला बदलेगा युवा मतदाताओं का रुख
जनपद में युवा मतदाताओं का रुख इस बार सारे गुणा-गणित का धता बताते हुए फैसले के मूड में हैं। कहने को तो पुरुष मतदाता ज्यादा हैं, लेकिन आधी आबादी और युवा मतदाताओं के फैसले को इस बार सभी दलों को स्वीकार करना ही पड़ेगा। पहली बार वोट करने का मौका पाने वाले वोटर वैसे भी उत्साहित हैं, लेकिन कैसी सरकार हो इसके प्रति भी वह अपना निर्णय ले चुके हैं।
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सऊदी अरब से आया फोन वोट उनको देना
बस्ती सदर विधानसभा क्षेत्र के कई ऐसे गांव हैं जहां के कुछ मतदाता सऊदी अरब रहते हैं, लेकिन वह फोन करके अपनी पत्नियों को वोट फलां को ही देना और उसी दल को देने की डिमांड कर चुके हैं।