तीन बार पहले भी जेल जा चुका है परिवार
बस्ती: कस्बे में खलीलाबादी के नाम से मशहूर व्यवसायी दो दशक से नकली खाद व पेस्टीसाइड बनाकर किसानों की
बस्ती: कस्बे में खलीलाबादी के नाम से मशहूर व्यवसायी दो दशक से नकली खाद व पेस्टीसाइड बनाकर किसानों की बर्बादी की पटकथा लिख रहा है। कानूनी कार्यवाही भी होती है पर नतीजा सिफर है आखिर क्यों और कैसे? यह यक्ष प्रश्न आम जनमानस के मन में कौंध रहा है।
शुक्रवार को कप्तानगंज कस्बा व्यवसायी माधव प्रसाद गुप्ता के दुकान व घर पर छापा मारकर सरकारी मुलाजिमों ने बड़े पैमाने पर नकली खाद व उसे बनाने के साजो-सामान का भंडाफोड़ किया। यह कोई नई बात नही है। यह परिवार इस गोरखधंधे में पिछले एक दशक से लगा है। संतकबीरनगर के जिला मुख्यालय खलीलाबाद से पलायन के बाद कप्तानगंज में न केवल इसकी जड़े हैं बल्कि इसकी बेल जनपद के अन्य कस्बों में तो पहुंची है। निकटवर्ती जिलों में भी इसने अपना गोरखधंधा फैला रखा है। यूं तो छोटी मोटी कार्यवाही कई बार इसके ऊपर हुई पर 2004 में तत्कालीन जिलाधिकारी रामेंद्र त्रिपाठी के निर्देश पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी हर्रैया चंद्रशेखर पांड्या ने जब छापेमारी की तो सैकड़ों बोरी नकली खाद व खाली बोरे बरामद हुए। गिरफ्तारी हुई, मुकदमा चला पर धंधा बंद कुछ दिन रूक कर फिर शुरू हो गया। इधर पिछले 5 वर्षो पर नजर दौड़ाएं तो 2013, 2014 व 2015 में कृषि विभाग व प्रशासन की संयुक्त छापेमारी में यह परिवार बार-बार कानून की जद में आता रहा, कार्यवाहियां भी होती रही पर इसे इसके नेटवर्क की मजबूती माने या जड़ों के गहरा होने का परिणाम, यह धंधा रूकने का नाम नहीं ले रहा है। कप्तानगंज में तैयार हो रही नकली खाद जमीन की उर्वरा शक्ति समाप्त कर रही है। शुक्रवार को हुई कार्यवाही के बाद यह परिवार फिर चर्चा में आ गया।