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पुल की हालत देख सिहर उठते हैं राहगीर

बस्ती : सरकारी धन का दुरुपयोग देखना हो तो गनेशपुर और कोईलपुरा के बीच बहने वाली रवई नदी पर बने पुल औ

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 11:14 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 11:14 PM (IST)
पुल की हालत देख सिहर उठते हैं राहगीर
पुल की हालत देख सिहर उठते हैं राहगीर

बस्ती : सरकारी धन का दुरुपयोग देखना हो तो गनेशपुर और कोईलपुरा के बीच बहने वाली रवई नदी पर बने पुल और उससे ¨लक रोड पर आएं। इनकी हालत देखकर राहगीर सिहर उठते हैं। चाहे पुल हो या उससे सटा ¨लक रोड दोनो पर चलने में डर लगता है। एक दशक पूर्व रवई नदी पर गनेशपुर के दक्षिणी हिस्से में ¨सचाई विभाग गोंडा की ओर से छह पुल बनवाए गए थे। इनमें एक कोरहा घाट का पुल भी था। एक करोड़ से अधिक लागत वाले इस पुल को बनाने का मकसद गनेशपुर के दक्षिणद्वारा, भटोलवा, चुआड़े, सियरहवा, बड़ेवन आदि गांवों के लोगों को कोईलपुरा गांव होते हुए लखनऊ-गोरखपुर हाइवे पर कम समय में पहुंचाना था। कोरहा घाट पुल के निर्माण पर उस समय एक करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए थे, मगर पुल निर्माण, एप्रोच व ¨लक रोड का निर्माण मानक के अनुरूप नहीं किया गया। पुल का जो एप्रोच और ¨लक रोड पिच बनाने की बजाए खंड़जा के रूप में बनाया गया। दक्षिणद्वारा गांव निवासी त्रिवेनी चौधरी, विकास वर्मा ने बताया कि शिकायत के बाद भी संबंधित ठेकेदार ने जैसे-तैसे काम निपटा दिया। इसके बाद कोई अधिकारी इधर झांकने तक नहीं आया। पुल के एक साइड का एप्रोच 80 फीसद जमींदोज हो गया है। इस वजह से इधर से चारपहिया वाहनों का आवागमन बंद हो गया। पुल से कोईलपुरा की ओर से जाने वाले मार्ग की हालत इतनी खराब है कि दुपहिया वाहन से भी इस पर नहीं चला जा सकता है।

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रवई नदी पर बने इस पुल के बारे में उन्हे कोई जानकारी नहीं है, न ही कभी किसी ने इसके संबंध में कोई शिकायत की। यदि पुल की हालत ऐसी है तो इसे वह पहले दिखवाते हैं।

अंजनी कुमार ¨सह, सीडीओ, बस्ती।


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