मौसम बदलते ही बढ़ गया मच्छरों का प्रकोप
बस्ती: मौसम में हो रहे परिवर्तन के साथ ही मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ गया है। धन मिलने के बाद भी ग्राम
बस्ती: मौसम में हो रहे परिवर्तन के साथ ही मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ गया है। धन मिलने के बाद भी ग्राम पंचायतों द्वारा मच्छरों की रोकथाम के लिए कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। ठंड का मौसम पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुआ कि मच्छरों ने लोगों की नींद हराम कर दी है। गांवों में जलनिकासी के नालियों की सफाई न होने व उनमें कीटनाशकों का छिड़काव न कराए जाने के कारण मच्छरों के लार्वा तेजी से पनप रहे हैं, जो बीमारियों को दावत दे रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा ग्राम स्वच्छता समिति के खाते में हर साल 10 हजार रुपये उपलब्ध कराया जाता है। प्रधान व एएनएम के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित होने वाले इस खाते के धन का बंदरबांट कर लिया जाता है। इस धन का उपयोग कीटनाशकों के छिड़काव, फा¨गग कराने व पेयजल स्त्रोतों को विसंक्रमित कराने के लिए किया जाना चाहिए। सल्टौआ व रामनगर विकास खंड की लगभग चार दर्जन ग्राम पंचायतों में फा¨गग मशीनें भी खरीदी गई हैं, जिनका कभी प्रयोग नहीं किया गया। उपजिलाधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि गांवों मे कीटनाशकों का छिड़काव सुनिश्चित कराने के लिए बीडीओ को पत्र लिखा जाएगा।