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क्षय रोगियों की बढ़ रही संख्या

बस्ती : टीबी (ट्यूबरकुल बेसिलाइ) एक छूत रोग है। प्रारंभिक अवस्था में इलाज न कराने पर यह मरीज के लिए

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 11:08 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 11:08 PM (IST)
क्षय रोगियों की बढ़ रही संख्या
क्षय रोगियों की बढ़ रही संख्या

बस्ती : टीबी (ट्यूबरकुल बेसिलाइ) एक छूत रोग है। प्रारंभिक अवस्था में इलाज न कराने पर यह मरीज के लिए जानलेवा साबित होता है। यह व्यक्ति को धीरे-धीरे मारता है। तमाम जागरूकता कार्यक्रमों के बाद भी इसका फैलाव तेजी से हो रहा है। अकेले बस्ती जिले में टीवी के 3402 मरीज चिन्हित

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किए गए हैं। इसमें ड्रग रजिस्टेंट के 161 तथा बेसिक टीबी के 3241 मरीज हैं। निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या 6800 है। आंकड़े बताते हैं कि जनपद में प्रति वर्ष रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। एमडीआर टीबी के मरीजों पर सामान्य दवाओं का असर न होने से मरीजों की तादात बढ़ती जा रही है। जिसका इलाज सामान्य टीबी की तुलना में काफी महंगा है। जिला क्षय रोग विशेषज्ञ डा.फखरे यार हुसैन के अनुसार एंटी ड्रग रजिस्टेंट के मरीज काफी संख्या में अस्पताल आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर साल बीस लाख लोग टीबी की चपेट में आते हैं जिनमें प्रति वर्ष पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसके इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाइयां भी कारगर नहीं साबित हो रही हैं। साल दर साल मरीजों की बढ़ रही संख्या चिकित्सा विभाग के लिए ¨चता का विषय बनी है।

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टीबी रोग के कारण

टीबी का प्रमुख कारण निर्धनता, गरीबी के कारण अपर्याप्त व पौष्टिकता से कम भोजन, कम जगह में बहुत लोगों का रहना, स्वच्छता का अभाव तथा गाय का कच्चा दूध पीना है। मरीजों के संपर्क में रहने व उसकी वस्तुओं का सेवन करने, प्रयोग करने, मदिरापान तथा धूम्रपान करने से भी इस रोग की चपेट में आया जा सकता है। साथ ही स्लेट फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को भी इसका खतरा रहता है।

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रोग का फैलाव

टीबी के बैक्टीरिया सांस द्वारा फेफड़ों में पहुंच जाते हैं, फेफड़ों में ये अपनी संख्या बढ़ाते रहते हैं। इनके संक्रमण से फेफड़ों में छोटे-छोटे घाव बन जाते हैं। यह एक्स-रे द्वारा जाना जा सकता है। घाव होने की अवस्था के लक्षण हल्के नजर आते हैं। इस रोग की खास बात यह है कि ज्यादातर व्यक्तियों में इसके लक्षण उत्पन्न नहीं होते। यदि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो तो इसके लक्षण जल्द नजर आने लगते हैं और वह पूरी तरह रोग ग्रस्त हो जाता है।

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बीमारी से बचाव के उपाय

दो सप्ताह से अधिक खांसी आने पर चिकित्सक को दिखाएं और बलगम की जांच कराएं। बीमार व्यक्ति से दूरी बना कर रहें। बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद हाथ जरूर धोएं। पौष्टिक आहार लें जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स, मिनिरल्स, कैल्शियम, प्रोटीन व फाइवरयुक्त हो।

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वर्षवार आंकड़ा

वर्ष ड्रग रजिस्टेंट बेसिक टीबी

2014 54 3051

2015 126 3062

2016 161 3241


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