फसल की रखवाली में गुजर रहीं किसानों की सर्द रातें
बस्ती: कई दिनों से पड़ रही भीषण ठंड से बचने के लिए लोग शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं। उनकी रात र
बस्ती: कई दिनों से पड़ रही भीषण ठंड से बचने के लिए लोग शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं। उनकी रात रजाई में बीतती है। वहीं किसान जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा खातिर अपनी सर्द रातें खेतों में ही गुजारने को मजबूर हैं। इसके बाद भी जरा सी नींद आते ही जानवर फसलों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ठिठुरन भरी रातों में अन्नदाता को घरों में चैन की नींद सोना भी नसीब नहीं है। आलू, बैगन, मटर जैसी फसलों की रखवाली के लिए खेतों में ही रात काटनी पड़ रही हैं। वहां भी उसके नसीब में सोना नहीं है। जंगली जानवर नीलगाय, सुअर, साही से फसल की सुरक्षा के लिए उसे रात भर चिल्लाना पड़ता है। इसके बाद भी उसकी फसल महफूज नहीं है। राम बुझारत मौर्य, जोखन प्रसाद मौर्य, संदीप यादव, विकास यादव, बाबूराम यादव, घिसियावन, तीसू मौर्य, राम दौड़, गंगाराम, राम पाल, सियाराम पाल, राम शंकर चौधरी का कहना है कि जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा कर पाना विकट समस्या बन गई है। खेतों के चारों ओर बाड़ लगाने के बाद भी जानवर पलक झपकते ही सब्जी की फसल बर्बाद कर देते हैं। खेत के बीच में मचान भी रख लिया है, फिर भी सुरक्षा की गारंटी नहीं है। नील गाय से गेहूं की फसल भी सुरक्षित नहीं रह गई है।