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पांच साल में विलुप्त हो गए पांच ताल 

बस्ती: परंपरागत जल स्त्रोतों को संरक्षित करने का हाईकोर्ट का आदेश बस्ती जिले में बेमानी साबित हो रहा

By Edited By: Published: Sat, 24 Sep 2016 10:38 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2016 10:38 PM (IST)
पांच साल में विलुप्त हो गए पांच ताल 

बस्ती: परंपरागत जल स्त्रोतों को संरक्षित करने का हाईकोर्ट का आदेश बस्ती जिले में बेमानी साबित हो रहा है। आदेश के अनुपालन में जनपद और मंडल स्तर पर कमेटियां तो गठित कर दी गईं, मगर इसके बाद भी ताल पोखरे गायब और सिकुड़ते जा रहे हैं। तालाब-पोखरों को संरक्षित करने की जगह उसे पाटकर कब्जा जमाने की होड़ मची है। शहर का एक मोहल्ला है पिकौरा दत्तूराय। पांच हजार की आबादी वाले इस वार्ड में छह तालाब रहे। पांच साल में देखते ही देखते भू माफियाओं ने इन्हें पाटकर उन पर कब्जा कर लिया। धरातल पर एक भी तालाब पोखरे नहीं हैं। किसी ने पाटकर प्ला¨टग शुरू कर दी है,तो कोई आलीशान मकान खड़ा कर चुका है।

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यूं खुला मामला-

वार्ड के ही एक उत्साही लालजी ¨सह ने राजस्व अभिलेखों में अब भी दर्ज उन तालाबों का ब्योरा जुटाया। भू-माफियाओं की कारगुजारी खुलने के बाद राजस्व कर्मी इसकी लीपापोती में जुट गए। ¨सह ने तालाबों को बचाने के लिए तहसील दिवस से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई। स्थानीय स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हुई, तो औरों की तरह वह भी थककर चुप होकर बैठ गए।

जागरण की मुहिम से मिला बल-

जून माह में जागरण द्वारा चलाए गए तालाबों को बचाने व संरक्षित करने की तलाश तालाबों की मुहिम शुरू की तो इस मुहल्ले में चल रही यह लड़ाई सामने आ गई। जागरण की पहल से बल मिला तो युवाओं का उत्साह जाग गया।

-बदल गई नवइयत,ढूंढते रह जाएंगे ताल

पिकौरा दत्तूराय नगरीय क्षेत्र का एक हिस्सा है। राजस्व विभाग की खतौनी सन1356 फसली में साफ तौर पर दर्ज है कि यहां छह ताल हैं। एक का अवशेष है बाकी पांच ¨जदा नहीं हैं। पांच साल पहले यह ताल दिखते थे। इनमें पानी भरा रहता था। शहरीकरण की होड़ में भू-माफियाओं की कुदृष्टि इस पर पड़ गई। धीरे-धीरे पाटकर इनकी नवइयत बदल दी। एक समय था जब इन तालाबों में मछली पालन और ¨सघाड़ा की खेती होती थी, समय बदला,तो यह जलनिकासी का माध्यम बन गया। यहीं की दलित बस्ती में एक ताल को पाटकर उस पर बाउंड्रीवाल बना दी गई है। बस्ती में रहने वालों ने दबी जुबान बताया कि इस ताल को बचाने को कई लिखित शिकायत की गई,लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।

पिकौरादत्तू राय के तालाबों पर पाटकर मकान बना लिए जाने की जानकारी नहीं है। कोई शिकायत भी नहीं आई है। यह सच है तो इसकी जांच कराई जाएगी और तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।

नरेंद्र कुमार पटेल, जिलाधिकारी ,बस्ती


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