सुकरौली में चिकित्सा सेवा बदहाल
बस्ती: परशुरामपुर विकास खंड के सुकरौली का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काफी बदहाल हो गया है। चिकित्सकों
बस्ती: परशुरामपुर विकास खंड के सुकरौली का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काफी बदहाल हो गया है। चिकित्सकों की कमी, संसाधनों के अभाव के चलते मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। परिसर में झाड़-झंखाड़ उगे हैं, तो चिकित्सकों का आवास भी खंडहर में तब्दील हो रहा है। यहां अस्पताल की बदहाली के चलते लोगों को तहसील या जिला मुख्यालय पर जाना पड़ता है।
वर्ष 1997 में प्रदेश सरकार के तत्कालीन परिवहन राज्य मंत्री सुखपाल पांडेय के प्रयास से इस अस्पताल की स्थापना हुई। भवन, बाउंड्री वाल व अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गईं। यहां डाक्टर या कर्मचारी निवास नहीं करते हैं। यही वजह है कि यहां के लोगों को रात में डाक्टर की सहायता नहीं मिल पाती है। अस्पताल भवन के दरवाजे व खिड़कियां देखरेख के अभाव में टूट कर गायब हो चुके हैं। प्लास्टर उजड़ने लगे हैं, बाउंड्री वाल गिर गई है।
गंदगी जिम्मेदारों को दिखा रही आइना
जिस स्वास्थ्य केंद्र पर लोगों को साफ-सफाई का संदेश देने का जिम्मा है वहां परिसर व आवासीय भवनों में फैली गंदगी जिम्मेदारों को आइना दिखा रही है। पेयजल के लिए यहां समर सेबल पंप की स्थापना की गई थी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद देखरेख के अभाव में वह बेकार हो गया। स्थिति यह है कि मरम्मत न होने के कारण यहां आने वाले मरीजों को देशी हैंडपंप से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ती है।
क्या कहते है प्रभारी चिकित्साधिकारी
प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अर¨वद कुमार दूबे का कहना है कि अस्पताल पर आने वाले मरीजों को बेहतर सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है। आवासीय भवन की मरम्मत के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।