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बारिश ने बढ़ाए रेनकट,माझा वासियों की नींद हराम

बस्ती: मानसून की दस्तक, पिछले दिनों की बारिश और विक्रमजोत-धुसवा तटबंध पर बढ़ती रेनकट की संख्या। इन

By Edited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 11:19 PM (IST)
बारिश ने बढ़ाए रेनकट,माझा वासियों की नींद हराम

बस्ती: मानसून की दस्तक, पिछले दिनों की बारिश और विक्रमजोत-धुसवा तटबंध पर बढ़ती रेनकट की संख्या। इन सबने माझा वासियों की नींद हराम कर दी है। बंधे पर आज तक कहीं भी मरम्मत कार्य न होने से लोगों की ¨चताएं बढ़ने लगी है। शनिवार को टकटकवा से लेकर बिशुनदासपुर तक तकरीबन दस किलोमीटर की दूरी में सैकड़ों नए रेनकट दिखे। लोगों से बातचीत भी हुई। तटबंध के किनारे बसे दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों का दिन बंधे की मरम्मत न होने से बाढ़ आने पर होने वाले नुकसान की चर्चा में बीत रहा है तो रात इस ¨चता में कट रही है इस बार बाढ़ आई तो माल-असबाब के साथ घर से कैसे निकलेंगे। इसके विपरीत बाढ़ खंड के अधिकारी तटबंध को पूरी तरह तरह सुरक्षित बता रहे हैं। जबकि जगह-जगह रेनकट व रैटहोल कभी भी और कहीं भी देखे जा सकते हैं। कई जगह तो बालू माफियाओं ने तटबंध काटकर ही जमीन के बराबर कर दिया है। कुछ जगहों पर यह कट भर तो दिए हैं पर यह कट बारिश और नदी का दबाव झेल पाएंगे इसमें संदेह है।

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आइए बैरागल से शुरू करते हैं। यहां बंधे की ऊंचाई काफी कम हो गई है। बाढ़ आने पर पानी को तटबंध तोड़ने की जरूरत नहीं होगी अपने आप पानी बांध को पार कर जाएगा। आगे तिवारीपुर व गौरा के निकट दर्जनों रैटहोल व नए रेनकट हैं। भनखपुर के निकट बंधे की चौड़ाई और ऊंचाई दोनो काफी कम है। मटियार के निकट रेनकट की संख्या में काफी वृद्धि हो गई है। भिउरा से इस बांध का डेंजर जोन शुरू होता है जो चांदपुर तक है। यहां नए रेनकट तो हैं ही बंधा भी काफी कम ऊंचाई का हो गया है। एहतमाली के निकट बंधे पर ग्रामीणों ने अभी से अपना आशियाना सुरक्षित करना शुरू कर दिया है। खलवा के निकट तो बेशुमार रेनकट हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शनिवार की दोपहर विभाग ने दो-चार रेनकट भरवाने की प्रक्रिया शुरू की है। आगे विशुनदासपुर तक बंधे की चौड़ाई और ऊंचाई काफी कम है।

सुरक्षित है वीडी बांध

पिछले दिनों वीडी बांध का एडीएम राकेश कुमार ¨सह के साथ निरीक्षण करने आए अधिशासी अभियंता आरके ¨सह सहित उनकी पूरी टीम ने तटबंध को पूरी तरह सुरक्षित बताया था। विभागीय अधिकारियों ने प्रशासन के बताया था कि कुछ जगहों पर रेनकट हैं जो भर दिए जाएंगे, कहीं भी एक भी रैटहोल नहीं है। तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित है तथा बाढ़ का सामना करने में सक्षम है।

ग्रामीणों ने कहा

शुकुलपुरा निवासी अरुण शुक्ल ने कहा कि बंधा पूरी तरह से जर्जर है, अबकी बार मानसून भी अच्छा होने की सूचना है, यदि बाढ़ आई तो बंधा बहना तय है। बैरागल के इसरार हुसेन ने कहा कि विगत कई वर्षों में बंधे पर कोई काम नहीं हुआ। बंधे पर विभाग की नजर होती तो यह हालत न होती। भिउरा निवासी आदित्य प्रताप ¨सह कहते हैं कि हम लोग तो डेंजर जोन के किनारे हैं, घाघरा उफान पर है, बाढ़ का खतरा अभी से सताने लगा है। भिउरा के ही हिमांशु ¨सह कहते हैं कि अगर भिउरा के निकट अभी से नदी बढ़ रही है। नदी हटने के बाद कटान होगी तो बंधा कटना तय है।

सहायक अभियंता ने कहा

सहायक अभियंता जेपी मिश्र ने कहा कि वीडी बांध पूरी तरह से सुरक्षित है, रैटहोल व रेनकट भरने का काम शुरू कर दिया गया है।


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