मानसून से पहले ही बिगड़ गई शहर की सूरत
बस्ती : अभी तो बारिश शुरू भी नहीं हुई तो शहर का यह हाल है। जरा सोचिए यदि यही हाल रहा तो शहर का क्या
बस्ती : अभी तो बारिश शुरू भी नहीं हुई तो शहर का यह हाल है। जरा सोचिए यदि यही हाल रहा तो शहर का क्या होगा। मामूली बारिश में ही शहर की कालोनियों की सड़क पर पानी भर गया। अभी तो मानसून की बारिश बाकी है। बुधवार को आधे घंटे की बारिश में ही शहर के मुख्य नाले और कालोनी की नालियां जवाब दे गई हैं। साफ-सफाई के अभाव में नाले जाम पड़े हैं। लोगों को बरसात की ¨चता अभी से सताने लगी है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में 15 से मानसून की शुरुआत मानी जाती है। सिर्फ 20 दिन शेष बचे हैं। इसके बावजूद नगर पालिका ने अभी तक शहर के मुख्य नालों की सफाई नहीं कराई है। एक दिन पूर्व की बारिश से मालवीय रोड पर जगह-जगह पर पानी जमा है। शिवा कालोनी में गड़गोड़िया मार्ग पर पानी भरा है। कोतवाली के सामने सड़क पर जलजमाव है। जिला अस्पताल से प्लास्टिक काम्पलेक्स जाने वाली सड़क पर यही स्थिति है। मालवीय रोड से बीएसए कार्यालय होते हुए कुआनों नदी तक जाने वाला नाला जाम है। पचपेड़िया होते हुए बड़े वन तक जाने वाले नाले की सफाई नहीं हुई है। पुरानी बस्ती होते हुए नरहरिया जाने वाला नाला सिल्ट से पटा है। आवास विकास कालोनी होते हुए बड़े वन जाने वाला नाला, कंपनीबाग से होते हुए गांधीनगर, पक्के, जीआइसी सड़क के दोनों तरफ का नाला, दक्षिण दरवाजा से रेलवे स्टेशन तक का नाला पूरी तरह से जाम है। यदि इसकी सफाई नहीं हुई तो बरसात में यह शहर मुसीबत का शहर बन जाएगा।
-यहां होता है जलजमाव
शहर के नरहरिया, पुराना डाकखाना, तुरकहिया, पिकौरा शिव गुलाम, सुर्ती हट्टा, चिकवा टोला, माली टोला, पठान टोला, गडगोड़िया, बैरिहवां, बेलवाडाड़ी, महरीखावां, ओरीजोत आदि वार्ड में जलजमाव होता है। बारिश होते ही यहां अनेक स्थान पर लोगों के घर में बारिश का पानी घुस जाता है।
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शहर के सभी नाले नालियों की साफ-सफाई कराई जा रही है। कोशिश है कि जल्द ही नालों को साफ कर बहाव के लायक दुरुस्त कर दिया जाए। बरसात के मौसम में शहरवासियों को कोई परेशानी नहीं होगी।
अशोक कुमार गुप्ता, नगर पालिका अध्यक्ष