जिम्मेदारों ने एक दूसरे पर फोड़ा ठीकरा
बस्ती : यूं तो शहर में अतिक्रमण ने राह चलना मुश्किल कर दिया है,लेकिन प्रशासन के पास सार्वजनिक भूमि प
बस्ती : यूं तो शहर में अतिक्रमण ने राह चलना मुश्किल कर दिया है,लेकिन प्रशासन के पास सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जे का एक भी मामला दर्ज नहीं है। इतना जरूर है कि शहर के पांच सौ घर ऐसे हैं जो बिना विनियमित क्षेत्र प्राधिकरण से नक्शा पास कराए बनाए गए हैं। इनका मुकदमा विभाग में चल रहा ह। सौ लोगों को विभाग ने नोटिस थमाई है।
सार्वजनिक स्थलों से अवैध कब्जा हटाने को लेकर न्यायालय भी सख्त है। तमाम फरमान जारी कर चुका है, मगर इसे लेकर जिम्मेदार कितना सक्रिय हैं। इसकी पोल इससे खुलती है कि अब तक न तो नगर पालिका ने न ही प्रशासन के विनियमित क्षेत्र प्राधिकरण के पास अतिक्रमण अथवा अवैध रूप से सार्वजनिक भूमि पर कब्जा वालों की कोई सूची है। नगर पालिका इसे आरबीओ पर थोप कर इसके लिए उसे जिम्मेदार साबित करने पर तुला है तो प्राधिकरण भी इसके लिए नगर पालिका के सिर ठीकरा फोड़ता है। नगर पालिका के अधिकारी तर्क देते हैं कि जब नक्शा पास करने की जिम्मेदारी आरबीओ की है तो उन्हें ही पता होगा कि सार्वजनिक भूमि पर कहां-कहां नक्शा पास करवाने का प्रयास हुआ है, जबकि आरबीओ के अधिकारी दो टूक कहते हैं कि जब संपत्ति रजिस्टर नपा के पास है तो आरबीओ की इसमें क्या भूमिका होगी। इन दोनो विभागों के खींचतान में अतिक्रमण कारी मौज उड़ा रहे हैं।
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इओ बोले
नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी डा. आरपी श्रीवास्तव ने कहा कि यह सही है कि संपत्ति रजिस्टर नगर पालिका के पास है, मगर सार्वजनिक भूमि पर भवन व व्यवसायिक कांप्लेक्स का नक्शा आरबीओ से पास होता है। ऐसे में उन्हें बिना जांचे नक्शा ही पास नहीं करना चाहिए।
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एसडीएम बोले
उप जिलाधिकारी सदर राम प्रसाद ने कहा कि विभाग के पास ऐसा कोई रजिस्टर या सूची नहीं है, जिससे यह पता चले कि कहां-कहां सार्वजनिक भूमि पर कब्जा कर भवन बना लिया गया है। यह जरूर है कि करीब पांच सौ ऐसे मामलों का मुकदमा चल रहा है जिन्होंने अवैध रूप से निर्माण करा लिया है। कुछ ऐसे भी मामले लंबित हैं जो निर्माण करा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर को नक्शा न पास कराने के चलते नोटिस जारी की गई है।