फसलों पर जंगली जानवरों का कहर
बस्ती: महंगाई व प्रकृति की मार झेल रहे किसानों के सामने जंगली जानवरों की समस्या भी कम नही है। इनकी
बस्ती: महंगाई व प्रकृति की मार झेल रहे किसानों के सामने जंगली जानवरों की समस्या भी कम नही है। इनकी धमाचौकड़ी व रौंदने से गन्ने की खड़ी फसल तो बरबाद हो ही रही है सब्जी के खेतों की रखवाली कर रहे किसानों के पसीने छूट रहे हैं। फसलों पर कहर बरपा रहे इन जंगली जानवरों से किसान निजात पाने के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाए पर ध्यान नहीं दिया गया।
क्षेत्र में इस समय नीलगाय, जंगली सुअर, शाही आदि जानवरों ने आतंक मचा रखा है। खेतों में गोभी , टमाटर ,पालक , के खेतों के चर कर बरबाद कर दे रहे हैं। आलू के बीज जंगली सुअर चट कर जा रहे हैं । किसान रामफेर, बाला कृष्णा, सुमेरे, पिन्टू मौर्या, जितेन्द्र मौर्या, भागेलू वर्मा आदि का कहना है कि बोई फसल का नुकसान हो रहा है। यहां इनका झुंड दिन में भी खेतों पर धावा बोल रहा है। यदि कोई इन्हें भगाने का प्रयास कर रहा है तो झुंड में रहने के कारण ऊपर ही टूट पड़ रहे हैं।
छावनी संवाददाता के अनुसार प्राकृतिक आपदा के साथ मौसम की मार झेल रहे किसानों के सामने जंगली जानवरों की समस्या भी कम नही है। किसान फसल तैयार करने में जहां दिन-रात एक कर देते हैं, वहीं जंगली जानवर इन्हें पलक झपकते ही नष्ट कर देते हैं। कभी-कभी यह हमला भी कर देते हैं। ऐसे में इन दिनों किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। मौजूदा समय में किसानों ने बड़ी उम्मीद से आलू की बुवाई की जब फसल में दाने पड़ने लगे हैं और उनके बढ़ने का समय हुआ तो जंगली जानवरों ने उन्हें खोद कर खाना शुरू कर दिया। ठंड के मौसम में भी किसानों को खेत में मचान डाल कर खेत की रखवाली करनी पड़ रही है। ऐसे में जंगली जानवरों के साथ ही मौसम की मार से भी बचना इनके लिए काफी चुनौती भरा है। नेतवर पट्टी के किसान प्रमोद तिवारी, साड़पुर के जितेन्द्र ¨सह, खरहटिया के सुनील पाठक, सरसंडा के राजेन्द्र ¨सह, नटौवा के जगदंबा तिवारी, ताला गांव के रामसूरत, इब्राहिमपुर के दिग्विजय पांडेय, अकवारी के सत्यव्रत का कहना है कि अब रात-रात भर जागकर फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है। जंगली जानवरों की वजह से आलू व अन्य सब्जियों की खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। प्रशासन द्वारा अब भी इन जानवरों पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नही उठाया गया तो सब्जी की खेती बर्बाद हो जाएगी।