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सड़क बनवा नहीं सकते तो गड्ढे ही भरवा दें

1 बस्ती 1,2 कैचवर्ड- बस्ती-कांटे मार्ग - बस्ती से टेढ़ी गिमटी तक बन रही सड़क के चलते आवागमन कठ

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 07:31 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 07:31 PM (IST)
सड़क बनवा नहीं सकते तो गड्ढे ही भरवा दें

1 बस्ती 1,2

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कैचवर्ड- बस्ती-कांटे मार्ग

- बस्ती से टेढ़ी गिमटी तक बन रही सड़क के चलते आवागमन कठिन

- टेढ़ी गिमटी से कांटे तक जानलेवा एक दर्जन गड्ढे

जागरण संवाददाता, मुंडेरवा, बस्ती : आपको बस्ती रोडवेज से गोरखपुर की तरफ जाना है, तो मुश्किल में पड़ जाएंगे। न तो कांटे मार्ग जाने लायक है, न ही पचपेड़िया के रास्ते राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुंचने लायक है। इन मार्गों के बेशुमार गड्ढे यात्रियों की जान लेने पर आमादा हैं। बस्ती आप आए तो फंसना तय है। शहर से बाहर आप निकलें किधर से सोच कर रूह कांप जाएगी।

चलते हैं कांटे-बस्ती मार्ग पर। शहर से लगायत टेढ़ी गिमटी निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज तक की सड़क नए सिरे से बनाई जा रही है। बायपोखर गांव तक तकरीबन पांच किलोमीटर तो सड़क चकाचक पिच है। चार-पांच किलोमीटर गिट्टी डाली जा रही है। काम की गति देख लगता है, जल्द ही यह भी पिच हो जाएगी। आगे ओड़वारा बाजार में हालत काफी खराब है। हिचखोले खाते किसी तरह रास्ता पार कर जाएंगे। किसी तरह झेलते हुए टेढ़ी गिमटी तक पहुंच ही जाएंगे। रेलवे क्रा¨सग पार करने के बाद दिल मजबूत कर बैठ जाइए मुसीबतें आने वाली हैं। ओवरब्रिज समाप्त और गड्ढों की भरमार शुरू। डिग्री कालेज के सामने चुनौती देने के लिए मौजूद हैं। बस में बैठे हैं या दुपहिया पर सवार हैं जोर का झटका लगना तय है। यहां जाड़े के मौसम में ट्रक और ट्रैक्टर ट्राली की भिड़ंत में दो लोगों की मौत तथा गड्ढे में फंसने के बाद कार की चपेट में आने से साइकिल सवार की मौत हो चुकी है। आगे बढि़ए तो जगदीशपुर गांव के पास पेट्रोल पंप के सामने फिर गड्ढा चुनौती देता मिलेगा। यहां से संभले तो आगे बंद चीनी मिल के पास चौराहे से चुनौती की सामना करिए। दिल थाम कर बैठिए आप मुंडेरवा कस्बे में हैं। स्टेट बैंक के सामने, इंटर कालेज के सामने, अहरा मोड़ से आगे बढि़ए आगे सड़क पर बेकार पड़े ह्यूम पाइप मिलेंगे। इन्हें यहां कठिनइया नदी का पानी इस पार से उस पार करने के लिए इस उद्देश्य से रखा गया है कि इन्हें सड़क खोद कर डाल दिया जाएगा तो मुंडेरवा कस्बे को जलजमाव से निजात मिल जाएगी। तकरीबन दस वर्ष से रखे यह ह्यूम पाइप यहां कब डाले जाएंगे अब यह बताने वाला भी कोई नहीं है। बहरहाल यहां न संभले तो तकरीबन पचास मीटर का यह गड्ढा आपको सीधे अस्पताल पहुंचाएगा। बूधा पुल पार करिए। तिराहे से पांच सौ मीटर ही आगे बढ़ने पर फिर विशाल गड्ढा मिलेगा, हर तरफ से बचे तो यहां फंसना तय है। थोड़ी मशक्कत करिए गड्ढा पारकर लिए तो कांटे चौकी से दो सौ मीटर पहले फिर गड्ढे में फंस जाएंगे। यह सारी बाधाएं पार करने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंच जाएंगे तो फिर फर्राटा भरते हुए आगे बढ़ लीजिए और मुसीबतों का अंत भी हो गया।

पचपेड़िया मार्ग भी कम नहीं :

शहर से राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुंचने के लिए एक छोटा रास्ता भी है जो पचपेड़िया मोहल्ला होते हुए जाता है। नगर पालिका द्वारा यहां नाला बनवाया जा रहा है। कांटे मार्ग खराब होने की वजह से लोग इसी मार्ग का उपयोग कर हाइवे तक जाते हैं। इस मार्ग पर भी तकरीबन पांच सौ मीटर में इतने विशाल गड्ढे हैं, जो आपकी जान लेने को हर समय तुले रहते हैं। पांच किलोमीटर प्रति घंटा की गति से भी आप चल नहीं सकते। वाहन की गति बढ़ी और दुर्घटना तय।

थोड़े से खर्च में मिल सकती समस्या से निजात

इन गड्ढों को भरवाने में कोई बहुत खर्च नहीं है बस जरूरत है, जिम्मेदारों को इस तरफ ध्यान देने की। थोड़ी संवेदना जागृत हो जाए तो न सिर्फ इन सड़कों के घाव भर जाएंगे, बल्कि आने जाने वालों को समस्या से निजात मिल जाएगी।


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