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भइया की कलाई में बांधा संसार भर का प्यार

बस्ती : भारतीय संस्कृति में रिश्तों का क्या मूल्य है, इसे अगर किसी ने न समझा हो तो रक्षा बंधन का पर

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 09:23 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 09:23 PM (IST)
भइया की कलाई में बांधा संसार भर का प्यार

बस्ती : भारतीय संस्कृति में रिश्तों का क्या मूल्य है, इसे अगर किसी ने न समझा हो तो रक्षा बंधन का पर्व ध्यान से देख ले। भाई-बहन के प्यार का इससे बड़ा संसार में दूसरा कोई सानी नहीं है। शनिवार को इस त्योहार में डूबे समूचे जन-मानस के हाव-भाव और उनके घरों का माहौल अपने आप उस रूहानी अपनेपन का एहसास करा रहा था। देर रात तक बहन-भाई एक दूसरे पर प्यार-संसार न्योछावर करते रहे।

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भद्रा की वजह से दोपहर एक बजकर पचास मिनट तक भले ही इंतजार करना पड़ा, मगर घड़ी की सूइयां जैसे ही 51 मिनट पर पहुंची, बहन-भाई खुशी से झूम उठे। झटपट पहले से सजी-सजाई थाली लेकर भाई के सामने आ बैठीं। रक्षा बंधन के दिन जब भाई-बहन के आमने-सामने बैठते ही प्रेम की वह धार फूट पड़ी, जिसके बूते ता-उम्र दोनों के रिश्ते में धूल नहीं आने पाती।

भाई-बहनों के अलावा गुरु, पिता व दूसरे बड़ों को भी तमाम लोगों ने राखी बांधी और उनका आशीष लिया। बाजार में इसे लेकर खासी गहमा-गहमी रही। खासकर गांधी नगर में तमाम लोग उपहार व मिठाइयां खरीदते देखे गए। देर रात तक यह सिलसिला चलता रहा।

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भाई को राखी बांधने कारागार में पहुंची बहनें

रक्षा बंधन के अवसर पर मंडलीय कारागार पर बहनों का जमावड़ा लगा। जेल के भीतर जाकर बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधी, साथ ही दुआ किया कि जल्द ही उसे इस दुर्गति से निजात मिले। सलाखों के पीछे अपनी बहन को पहुंची देख भाई भाव-बिह्वल नजर आए। बैसे तो प्रतिदिन जेल पर मुलाकातियों की कतार लग जाती है, मगर शनिवार को लड़कियों, महिलाओं की तादात सबसे अधिक रही। प्रभारी जेल अधीक्षक बीके मिश्र के मुताबिक बहनों के लिए मुलाकात का खास प्रबंध किया गया था।

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हरैया के रक्षा बंधन समारोह में कैबिनेट मंत्री ने बंधाई राखी

- देश की तरक्की में महिलाओं की भूमिका अहम-राजकिशोर

जागरण संवाददाता हर्रैया,बस्ती: प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजकिशोर ¨सह द्वारा हर्रैया निरीक्षण भवन पर भव्य रक्षाबंधन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत की सैकड़ों महिलाओं ने उन्हें रक्षा सूत्र बांध कर उनके दीर्घायु की कामना की तो उन्होंने भी उन्हें उपहार भेंट कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया।

हर्रैया निरीक्षण भवन पर प्रति वर्ष की भांति इस साल भी कबीना मंत्री राजकिशोर ¨सह ने भव्य रक्षाबंधन समारोह का आयोजन किया। जिसमें सुबह दस बजे से ही क्षेत्र के परशुरामपुर, दुबौलिया, विक्रमजोत, हर्रैया सहित के तमाम गांवों की सैकड़ों महिलाएं कार्यक्रम स्थल पर उमड़ने लगी। कार्यक्रम में महिलाओं की उमड़ी भीड़ देखकर गदगद नजर आए मंत्री ने कहा कि देश की तरक्की में सबसे अहम योगदान देश की आधी आबादी कही जाने वाली महिलाओं का है। कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार सिर्फ भाई-बहनों के प्रेम का त्यौहार नही है बल्कि भाई को पूरे जीवन बहन की रक्षा का प्रण लेने का दिन भी है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए उठाए गए कदमों की विस्तार से चर्चा की तथा कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव महिलाओं को उचित सम्मान दिलाने के लिए तमाम योजनाएं चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से आज तक किसी भी जन प्रतिनिधि ने इतने बड़े पैमाने पर रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया और न ही आम जनता को जोड़ने का प्रयास ही किया। कार्यक्रम को पूर्व लोकसभा प्रत्याशी बृजकिशोर ¨सह, देवेन्द्र प्रताप ¨सह, जनक प्रसाद वर्मा, पूर्व प्रमुख मदन ¨सह, यज्ञेश पांडेय, शैलेश पांडेय, पिनाकी राजभर, आदि ने भी संबोधित किया। जहां पर झीने वर्मा, तिलकराम वर्मा, अनिल टाइगर, राणा ¨सह, कमलेश शर्मा, फूलचन्द्र, के.के. गुप्ता, अंजुम बेगम, बूचे ¨सह, सलोने ¨सह, रमाकांत ¨सह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

रुधौली संवाददाता के अनुसार बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर जहां भाई के प्रति स्नेह का इजहार किया, वहीं भाइयों ने आजीवन संरक्षण देने का संकल्प लिया। शिक्षण संस्थाओं में एक दिन पहले ही विद्यार्थियों द्वारा रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया। इस दौरान संतराम चौधरी श्रीमती राजकली देवी महाविद्यालय दसिया, जयमातारानी धनसीरा महाविद्यालय करमहिया, सरस्वती शिशु मंदिर,रुधौली, राम सहाय पब्लिक स्कूल, महेश प्रताप इंटर कालेज, वासुदेव शिक्षा मंदिर लघु माध्यमिक विद्यालय सुरवार कला व सेंट जेवियर्स स्कूल बखिरा मार्ग रुधौली में छात्राओं ने सहपाठी भाइयों को राखी बांध कर पवित्र रिश्ते की बुनियाद रखी।

सोनहा संवाददाता के अनुसार रक्षा बंधन पर पूरे रीति रिवाज के साथ बहनों ने भाइयों की कलाइयों पर स्नेह की डोर बांध उनके रक्षा की दुआ मांगी। भद्रा होने के कारण राखी बांधने के लिए दोपहर बाद दो बजे तक इंतजार करना पड़ा।


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