सब पर भारी एक अधिकारी
बस्ती : मंडल के संतकबीर नगर जनपद में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा लाख
बस्ती : मंडल के संतकबीर नगर जनपद में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा लाखों रुपये डकारने का मामला प्रकाश में आया है। जिलाधिकारी संतकबीर नगर व विभागीय उप निदेशक ने जांच में गोलमाल की पुष्टि के बाद शासन से भूमि संरक्षण अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाने की संस्तुति की है।
यूं तो संतकबीर नगर जिले में उक्त विभाग लंबे समय से सुर्खियों में है। कारण यह कि कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की साठ-गांठ से जहां आयकर, व्यापार कर व वैट को 36.43 लाख का चूना लगाया गया है, वहीं विकास कार्यो में भी बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। इसकी पुष्टि पूर्व व वर्तमान जिलाधिकारी ने शासन को भेंजे पत्र में की है। विकास कार्यो में भ्रष्टाचार का मामला 20 मई 15 को तब उजागर हुआ ,जब विभाग के अपर प्रशासक व अपर निबंधक एससी द्विवेदी ने उप निदेशक जल स्रोत इकाई व जल संसाधन विभाग के साथ मौके की जांच की। यहां तीन तालाबों के जीर्णोद्धार पर 12 लाख रुपये से अधिक व्यय दिखाया गया था, मगर मौके पर छिटपुट कार्य ही मिला । इसके बाद अपर प्रशासक द्विवेदी व उप निदेशक सिंह ने अभिलेख मांगे, मगर भूमि संरक्षण अधिकारी संतकबीर नगर ने नहीं दिया। नतीजतन दोनो अधिकारी उल्टे पांव लौट आए।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में भूमि संरक्षण अधिकारी संतकबीर नगर की तैनाती को लेकर शासन व जिम्मेदारों पर कई उंगलियां उठ चुकी हैं। जिलाधिकारी संतकबीर नगर ने इस अधिकारी के स्थानांतरण के लिए दो बार शासन को पत्र लिखा,मगर परिणाम सिफर है।
वर्ष 14 के नंवबर माह में तत्कालीन जिलाधिकारी संतकबीर नगर ने इनकी कार्य शैली से क्षुब्ध होकर शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास परियोजना लखनऊ के अध्यक्ष व प्रशासक को स्थानांतरण की संस्तुति सहित पत्र भेजा था। इस पत्र का प्रभाव यह रहा कि इन्हें तत्काल प्रभाव से संबद्ध कर दिया गया तत्कालीन डीएम ने गबन की जांच के लिए पत्र भी भेजा था। चार माह बाद फिर से विभागीय प्रमुख सचिव से संबद्धीकरण समाप्ति का आदेश लेकर संतकबीर नगर में तैनाती पा ली है। डीएम ने 28 अप्रैल को दूसरी बार प्रमुख सचिव को पत्र भेजा है। जिसमें भी स्थानांतरण की संस्तुति की गई है।
यह है गबन का आरोप
उक्त अधिकारी पर गबन के जो आरोप लगे हैं उसमें आयकर का 10.93 लाख, विलंब शुल्क 9.85 लाख तथा आयकर की सूचना 26 आर न भेजे जाने का विलंब शुक्ल 9.85 लाख तथा व्यापार कर का 5.79 लाख रुपये शामिल है।
यह है डीएम का पत्र
मंडल के भूमि संरक्षण अधिकारी सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग संतकबीर नगर में नंद लाल प्रसाद के खिलाफ तत्कालीन डीएम प्रकाश बिंदु ने 12 नवंबर 14 को अध्यक्ष एवं प्रशासक शारदा सहायक को पत्र भेजा था, जिसमें उक्त अधिकारी पर विभागीय योजनाओं में लापरवाही बरतने, अक्सर अनुपस्थित रहने तथा कार्यो में रुचि न लेने का आरोप लगाते हुए अन्यत्र स्थानांतरण करने की संस्तुति की थी। जबकि दोबारा अप्रैल माह में इसी इकाई में तैनाती के बाद जिलाधिकारी संतकबीर नगर अमन दीप सिंह ने 28 अप्रैल 15 को प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को गैर मंडल में स्थानांतरण के लिए पत्र लिखा। इसमें मंडल में 11 वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा होने तथा 36.43 लाख रुपये गबन का आरोप दर्शाया गया है।
शासन को भेजा पत्र
जल स्रोत इकाई एवं जल संसाधन विभाग के उप निदेशक पीएन सिंह ने कहा कि भूमि संरक्षण अधिकारी संतकबीरनगर के खिलाफ भ्रष्टाचार में लिप्त होने से संबंधित पत्र शासन को भेजा जा चुका है। 20 मई 15 को विभाग के अपर प्रशासन व अपर निबंधक एससी द्विवेदी ने तीन गांवों में 12 लाख रुपये से बनाए गए तीन तालाब की जांच की। जांच मे गोलमाल की पुष्टि के बाद मैने कार्रवाई के लिए अपने स्तर से लिख दिया है।
अब अध्यक्ष व प्रशासक की सुनें
शारदा सहायक समादेश लखनऊ के अध्यक्ष एवं प्रशासक दिनेश चंद्र ने कहा कि शासन के संबद्धीकरण समाप्त किए जाने के कारण सभी अधिकारियों को पूर्व स्थल पर तैनाती मिल गई है। इसी के चलते भूमि संरक्षण अधिकारी संतकबीर नगर को वहीं तैनात किया गया। फिलहाल जिलाधिकारी द्वारा संस्तुति पर विभाग गंभीर है। गबन के आरोपों की जांच भी चल रही है। कार्रवाई होगी।