मुख्यमंत्री के सलाहकार ने जांचा स्वास्थ्य सेवाओं का हाल
बस्ती : मुख्यमंत्री के अंधता निवारण कार्यक्रम के सलाहकार डा. विनोद सेठी ने शुक्रवार को जिला चिकित्स
बस्ती : मुख्यमंत्री के अंधता निवारण कार्यक्रम के सलाहकार डा. विनोद सेठी ने शुक्रवार को जिला चिकित्सालय व ओपेक चिकित्सालय कैली का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जांचा। बाद में समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर स्थिति के लिए अधिकारियों की जमकर क्लास ली।
डा. सेठी दस बजे जिला चिकित्सालय पहुंचे। यहां वे सीधे बाह्य चिकित्सा कक्ष में पहुंचे। बारी-बारी से सभी कक्षों का निरीक्षण कर मरीजों से दवा आदि के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वे चिकित्सालय के नेत्र विभाग में जा धमके। यहां दवाओं आदि के बारे में गहनता से जांच की। कई दवाएं जो नेत्र रोग के लिए जरूरी थीं वहां नहीं पाई गई, जिस पर उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. मोहिबुल्ला सिद्दीकी से तत्काल प्रबंध के निर्देश दिए।
करीब एक घंटे तक जिला चिकित्सालय का हाल जानने के बाद वे अंधता निवारण सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करने मुख्य चिकित्साधिकारी के सभागार में पहुंचे। इसके बाद बारी-बारी से स्वास्थ्य विभाग के मौजूद सभी अधिकारियों से उनकी कार्य प्रणाली व सरकार द्वारा गरीबों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जाना। अधिकारियों द्वारा बताए जाने के बाद उन्होंने सीएमओ डा. जेपी सिंह को व्यवस्थागत खामियों के चलते जमकर फटकार लगाई। दो घंटे की समीक्षा के बाद वे सीधे ओपेक चिकित्सालय कैली पहुंचे। यहां भी उन्होंने चिकित्सालय का कोना-कोना जांचा। मरीजों से बातचीत की, जबकि आपरेशन थियेटर में पहुंच स्थिति देखी।
यहां चिकित्सकों ने आवश्यक संसाधनों की बात रखी, जिसे उन्होने गंभीरता से सुना। उपलब्धता सुनिश्चित कराने का आश्वासन देने के बाद वे लौट गए।
बैठक में सीएमओ डा. सिंह के अलावा एसआईसी जिला चिकित्सालय डा. सिद्दीकी, डा. सीएल कन्नौजिया, डा. अतुल कुमार, डा. वीपी चौधरी सहित चिकित्सा विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।
स्वास्थ्य सेवाओं का होगा विस्तार
डा. विनोद सेठी ने कहा कि सरकार गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने की योजना को अमली जामा पहनाने में जुटी है। शीघ्र ही जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर मेडिकल कालेज का दर्जा दे दिया जाएगा। मेडिकल कालेज बनने के बाद आवश्यक संसाधनों का टोटा दूर हो जाएगा।
डा. सेठी ने पत्रकारों को बताया कि सरकार अंधता निवारण कार्यक्रम को और बेहतर बनाने की कवायद में जुटी है। इसके तहत जिला स्तर के चिकित्सालयों में दवाओं व संसाधनों की कमी को दूर किया जाएगा।