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दहशत के साये में गुजरे दो दिन

बस्ती : शनिवार से शुरू हुए भूकंप के झटकों ने जहां पड़ोसी देश नेपाल में भारी तबाही मचाई वहीं क्षेत्र

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 10:22 PM (IST)
दहशत के साये में गुजरे दो दिन

बस्ती : शनिवार से शुरू हुए भूकंप के झटकों ने जहां पड़ोसी देश नेपाल में भारी तबाही मचाई वहीं क्षेत्र में लोगों ने दो दिनों तक अपनी रात दहशत के साये में गुजारी। अचानक आए भूकंप के झटकों से जहां स्कूली बच्चों में कोहराम मच गया था तो वही देर शाम न्यूज चैनलों पर रात में झटके आने की सूचना पर लोगों की नींद उड़ी रही। सोमवार को जिंदगी कुछ पटरी पर आती दिखाई पड़ी तथा बाजारों में चहल-पहल भी दिखी।

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जब जागरण ने सोमवार को हर्रैया नगर वासियों से भूकंप के झटकों के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कुछ इस तरह अपनी स्थिति बयां की। अंकित ने कहा कि शनिवार को दिन में अचानक आए भूकंप के झटके से उन्हें समझ में ही नही आया कि क्या हो रहा है। एक बारगी लगा कि अब जिंदगी यही खत्म हो जाएगी लेकिन शुक्र है भगवान का कि जो बाल-बाल बच गए। उदयराज ने कहा कि झटके आने के बाद पूरे कस्बे में अफरा-तफरी मच गयी, समझ में नही आ रहा था कि क्या करें। लोग चीखने-पुकारने लगे तथा रामलीला का खाली मैदान में लोगों की भीड़ जमा हो गयी। रवी सिंह बताते हैं कि ऐसा खौफनाक मंजर मैंने अपनी जिंदगी में पहले कभी नही देखा था। घर के साथ ही पंखे व अन्य सामान जब हिलने लगे तथा हम जिस स्थिति में थे उसी स्थिति में घर के सदस्यों के साथ बाहर निकल आए। मान सिंह भूकंप के झटकों के सवाल पूछने पर उनके चेहरे पर सिहरन का भाव स्पष्ट उभर आया, कहा कि पहली बार करीब दो मिनट तक झटका आने के बाद चारों ओर कोहराम मच गया। हर कोई अपने घर वालों के साथ खुले मैदान की तरफ भाग रहा था। ऐसा लगा कि अब प्रकृति का यह कहर हमें नही छोड़ेगा। बताया कि दो दिनों तक हम लोगों ने रात में भूकंप के झटके आने की सूचना पर खेत में तंबू तान कर रात गुजारी और घर के किनारे तक नही गए। विजय मौर्या ने बताया कि मेरे बच्चे स्कूल पढ़ने गए थे, मैंने तुरंत फोन घुमाया तो फोन भी जवाब दे गया तो बाइक लेकर तुरंत स्कूल पहुंच गया। जब बच्चों को मैंने सकुशल देखा तो मेरे आंखों से आंसू छलक पड़े। बताया कि शनिवार को दो झटकों के बाद जब शाम किसी तरह घर में पहुंचे तो टीवी स्क्रीन पर निगाह गड़ाए रखी। सूचना मिली कि रात में भी भूकंप के झटके आ सकते हैं तो हम लोगों ने घर के बाहर अपना बिस्तर लगा लिया तथा रात भर किसी को घर में घुसने नहीं दिया।


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