मुन्ना भाई के आगे स्वास्थ्य विभाग बौना
बस्ती: मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्मों में ही नहीं हकीकत में भी हैं। जिले में दो सौ झोलाछाप डाक्टरों क
बस्ती: मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्मों में ही नहीं हकीकत में भी हैं। जिले में दो सौ झोलाछाप डाक्टरों की पहचान की गई,लेकिन कार्यवाही की बारी आई तो स्वास्थ्य विभाग ने पांव पीछे खींच लिए।
आज भले ही हर ब्लाक में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं लेकिन यह आम जन की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। इन केंद्रो पर कहीं चिकित्सक नहीं,तो पर कहीं पैरा मेडिकल स्टाफ नहीं है। कहीं हैं तो वहां दवाएं ही नहीं रहतीं । मरीज भूले भटके इन केंद्रों पर जाते हैं तो उनके हाथ निराशा ही लगती है। थकहार कर यह झोला छाप डाक्टरों की शरण में पहुंच जाते हैं। यही वजह है ग्रामीण क्षेत्र का कोई ऐसा चौराहा और बाजार नहीं है जहां मुन्ना भाई एमबीबीएस की दुकान नहीं चल रही है। इनकी दुकानों के बाहर लगा लंबा चौड़ा बोर्ड और फर्जी डिग्री देखकर अनपढ़ों की कौन कहे पढ़े लिखे लोग भी फंस जाते हैं।
छह महीने पहले एक संस्था ने गुपचुप ढंग से ग्रामीण क्षेत्रों में अनधिकृत चल रही दवा की दुकानों और दवाखाने के बारे में जाच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। तकरीबन दो सौ ऐसे लोगों की तलाश की गई है जिनके पास न तो कोई चिकित्सकीय डिग्री है और न ही दवा बेंचने का लाइसेंस। इसकी जांच करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अफसर इनसे सीधे जुड़े हुए हैं। संस्था ने जिलाधिकारी को मुन्ना भाई एमबीबीएस की सूची बडे़ ही उम्मीद के साथ सौंपी,लेकिन जब यह सूची जांच और कार्यवाही के लिए स्वास्थ्य विभाग में पहुंची,तो इसकी लीपापोती कर दी गई।
पूछेंगे क्या हुई कार्यवाही : जिलाधिकारी अनिल कुमार दमेले ने बातचीत में बताया कि यह सही है झोला छाप चिकित्सकों की सूची मुख्य चिकित्साधिकारी डा.जेपी सिंह के पास कार्यवाही के लिए भेजी गई थी,लेकिन इसमें क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है। वह इस बारे में पत्र लिख कर जानकारी मांगेंगे।