शारीरिक, मानसिक व आत्मिक उन्नति की सीख दे रहा आर्य वीर दल
बस्ती : व्यक्ति के उत्थान के लिए लिए केवल किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि व्यवहारिक चारित्रिक ज्ञान आवश
बस्ती : व्यक्ति के उत्थान के लिए लिए केवल किताबी ज्ञान ही नहीं
बल्कि व्यवहारिक चारित्रिक ज्ञान आवश्यक है ,इसी उद्देश्य को लेकर
महर्षि दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य वीर दल के माध्यम से बच्चों की शारीरिक व मानसिक और आत्मिक उन्नति की जा रही है । वह निश्चित ही इन्हें देशभक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
उक्त बातें आर्य समाज के 43वें वार्षिकोत्सव के आर्य वीर दल के शौर्य प्रदर्शन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बस्ती के सासद हरीश द्विवेदी ने कही। कहा कि इस प्रकार
के संस्कार शिविरों को विद्यालयों द्वारा बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे
पूर्व आर्य वीर.वीरागनाओं ने सर्वाग सुन्दर व्यायाम, जूडो, लाठी, गोला,
नानचक्त्र आदि का प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमाचित कर दिया साथ ही विभिन्न
स्तूपों का प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर आर्य वीरों ने तिलक लगाकर तथा आर्य वीर टोपी पहनाकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। दिनेश आर्य ने
संचालन करते हुए बताया कि जब.-जब देश पर संकट आया है तो आर्य वीरों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है। । डा0 धर्मवीर सतीश सुमन ने भी आर्य वीरों को देश की रीढ़ बताया। ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि आगामी माह से जिले के चयनित विद्यालयों में आर्य वीर दल के शिविरों का आयोजन किया जाएगा। अन्त में सासद द्वारा आर्य वीर वीरागनाओं को पुरस्कृत किया गया। राज नरायन योगी, राम अचल पाण्डेय, सत्येन्द्र आर्य, प्रमोद आर्य, लोहा पाण्डेय, विकास बरनवाल, पुष्कर मिश्र, प्रमोद पाण्डेय, संजय चौधरी, विजय पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे।