सकारात्मक सोच रखें, धैर्य न खोएं
बस्ती: प्रतिकूल परिस्थितियों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने पर हालात अनुकूल बन जाते हैं। व्यक्ति आश
बस्ती: प्रतिकूल परिस्थितियों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने पर हालात अनुकूल बन जाते हैं। व्यक्ति आशावादी बनकर किसी भी चुनौती से निपट सकता है। आगामी बोर्ड परीक्षाएं सन्निकट हैं, और बच्चों के चेहरे पर घबराहट चिंता साफ देखा जा सकता है। ऐसे में बच्चे जिनकी तैयारी है वे बेहतर प्रदर्शन को लेकर तनाव ग्रस्त हैं। औसत बच्चे परीक्षा उत्तीर्ण करने के तनाव में हैं। ऐसे में जरूरी है कि बच्चे परीक्षा को एक सामान्य प्रक्रिया माने तथा प्रसन्न मन से परीक्षा की चुनौती को स्वीकार करें।
उक्त बातें मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र गोरखपुर के मंडलीय मनोवैज्ञानिक कविराज कुमार ने जनता शिक्षा निकेतन इंटर कालेज ओड़वारा में आयोजित मनोवैज्ञानिक परामर्श कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि बच्चे प्रत्येक विषय को महत्वपूर्ण समझें और परीक्षा के दौरान समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें। विषय को पढ़ने के बाद याद करने के लिए जरूरी है कि समय-समय पर उसकी पुनरावृत्ति होती रहे। प्रतिदिन का खानपान संतुलित रहे। पठन-पाठन के दौरान उपयुक्त अंतराल आवश्यक हो। यदि किसी विषय के प्रति कोई समस्या या शंका उत्पन्न हो तो मित्रों अथवा अपने शिक्षक से परामर्श अवश्य लें। कभी भी अपने मन में हीन भावना न आने दें। गत वर्ष के प्रश्न पत्रों को निश्चित समयावधि में हल करने का अवश्य प्रयास करें। सबसे जरूरी यह कि परीक्षा के दिन देर रात तक जग कर पढ़ाई कदापि न करें।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक सीके पांडेय, एसके पांडेय, बृजेश पांडेय, संतोष पांडेय, कमला, वंदना शुक्ला, आशा मिश्रा, प्रवीण शुक्ला, शिवशंकर, बच्चू लाल सहित आदि लोग मौजूद रहे।