उदारता के प्रति मूर्ति थे आचार्य नरेन्द्र देव
जागरण संवाददाता,बस्ती : आचार्य नरेन्द्र देव राज नेता के साथ- साथ प्रख्यात शिक्षाविद् भी थे। उनकी
जागरण संवाददाता,बस्ती : आचार्य नरेन्द्र देव राज नेता के साथ- साथ प्रख्यात शिक्षाविद् भी थे। उनकी विनम्रता उनके समकालीन ही नहीं बल्कि आज भी राजनीतिक जीवन में आदर्श है। सही मायने में उदारता की प्रति मूर्ति थे, और शायद इसी लिए वे जीवन में कई ऐसे फैसले सहजता पूर्वक कर सके, जो औरों के लिए बेहद मुश्किल था।
उक्त बातें शुक्रवार को राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद के कुलपति प्रो जीसीआर जायसवाल ने आचार्य नरेन्द्र देव पीजी कालेज बभनान में आचार्य की जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।
कहा कि आज लोग अपने विद्यालयों का नाम पूर्वजों व रिश्तेदारों का रख रहे हैं। जबकि पंडित सुखपाल पाण्डेय ने अपना महा विद्यालय आचार्य नरेन्द्र देव जैसे समाजवादी व शिक्षाविद् के नाम से खोला, इससे स्पष्ट होता है कि वे दूरदर्शी सोच के थे।
विशिष्ट अतिथि सदर सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि आज के दिन आचार्य नरेन्द्र देव व सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती है जिसे मौजूदा केंद्र सरकार ने एकता दिवस के रूप में घोषित किया है। अगर इन महा पुरुषों के बताये हुए रास्ते पर हम चले तो निश्चित ही इनके सपनों को पूरा करने में सफल रहेंगे। समारोह की अध्यक्षता कर रहे अम्बेडकर नगर के सांसद डा. हरिओम पाण्डेय ने कहा कि आचार्य व पटेल की दृढ़ इच्छा शक्ति बहुत मजबूत थी। इस लिए वे समाज को एक नई दिशा देने के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने कहा विद्यालय के विकास में प्राचार्य विनोद पाण्डेय का योगदान सराहनीय है।
पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, गौर महाविद्यालय के प्राचार्य रमापति त्रिपाठी, माता प्रसाद त्रिपाठी ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डा विनोद पाण्डेय ने आए हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया।
समारोह के अंत में कुलपति द्वारा उपस्थित लोगों को भारत एकता की शपथ दिलाई गयी। कार्यक्रम का संचालन जयकरन नाथ त्रिपाठी ने की । कालेज के प्रबंधक विजय कुमार पाण्डेय, डा फूल नाथ, राम अजोर पाण्डेय, राम नरेश सिंह मंजुल, डा, एसके पाण्डेय, डा अनिता सिंह, डा जगन्नाथ पाण्डेय, डा अस्मिता पाण्डेय, अजय मौर्या, डा हरीराम, डा सुशील कुमार शुक्ला सहित तमाम लोग मौजूद रहे।