लीजिए, आपकी आस्था ने किया यह हाल
बस्ती : गंगा कही जाने वाली जीवनदायिनी कुआनों नदी अपने हाल पर आंसू बहा रही है। एक तरफ नदियों को प्रद
बस्ती : गंगा कही जाने वाली जीवनदायिनी कुआनों नदी अपने हाल पर आंसू बहा रही है। एक तरफ नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने की राष्ट्रीय स्तर पर पहल चल रही है, तो दूसरी तरफ आस्था के नाम पर इनमें कूड़ा कचरा गिराया जा रहा है। बुधवार और गुरुवार को छठ मइया के उपासकों ने धरती का यह हाल कर दिया कि जिसे देखने के बाद आप भी चिंता में डूब जाएंगे।
कुआनों किनारे अमहट घाट कूड़े से पट गया है। अभी कुछ दिन पहले ही लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा विसर्जन के समय नदी और घाट पर गंदगी फैलाई गई। छठ पर्व के एक दिन पहले ही इसकी सफाई कराई। पूजा करने वालों ने यहां फिर यहां गंदगी फैला दी ।
अमहट घाट और निर्मलीकुंड में अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देने पहुंची व्रती महिलाएं पूजा की थाली सजाकर गई। कुछ पूजा सामग्री पूजन अर्चन में प्रयोग किया बाकी जो बचा वही उड़ेल दी और अपने घरों को लौट आईं।
सफाई को लेकर यह हाल तब है, जब जनपद ही नहीं पूरे देश में स्वस्थ भारत और स्वच्छ भारत निर्माण की मुहिम चलाई जा रही है। इस बारे में जागरुकता कार्यक्रम चलाने के साथ ही लोगों को प्रेरित भी किया जा रहा है। सफाई को लेकर लोग अब भी बेपरवाह हैं। घरों की स्वच्छता बाहर नहीं निकल पा रही है।