पचास हजार आबादी स्वास्थ्य सुविधा को मोहताज
बस्ती : लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार भले ही सार्थक पहल कर रही है, किंतु
बस्ती : लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार भले ही सार्थक पहल कर रही है, किंतु विभाग के जिम्मेदार जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं। गांव की भोली-भाली गरीब जनता को मजबूरन झोलाछाप चिकित्सक ों से इलाज कराना पड़ रहा है।
लगभग आठ वर्ष पूर्व रामनगर विकास खंड के परसाकुतुब गांव में सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च कर जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना कराई गई तो लोगों में उम्मीद जगी की अब उन्हें इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। विभागीय उपेक्षा के चलते लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है।
पांच के सापेक्ष दो की तैनाती
शासन द्वारा यहां पांच पद सृजित किए गए हैं, जिसके सापेक्ष मात्र फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय की ही तैनाती की गई है। हालांकिस्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक, फार्मासिस्ट, एएनएम, वार्ड ब्वाय तथा एक स्वीपर का पद सृजित है।
नहीं करते रात्रि निवास
कर्मचारियों के रात्रि निवास के लिए यहां आवास का निर्माण कराया गया है, बावजूद इसके यहां कोई भी कर्मचारी रात्रि में निवास नहीं करता। देखरेख के अभाव में परिसर के भीतर घास-फूस उगे उग आएं हैं, वहीं हैंड पंप न होने से लोगों को पेय जल के लिए दूर जाना पड़ता है।
जिला पंचायत सदस्य अब्दुल खालिक( बिलेन्दर), श्यामनाथ चौधरी, राजेश गौतम, अकबर अली, हसमत अली, सतीश चौधरी, राम तीरथ, बेचनराम चौधरी, राजू आदि का कहना है कि अगर स्वास्थ्य केंद्र पर एक ऐसे चिकित्सक व एएनएम की तैनाती हो जाती जो यहां रहकर लोगों को चिकित्सीय सेवा देते तो बेहतर होता।
चिकित्सालय की समस्या से विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।
डा. रंजीत कुमार, चिकित्साधीक्षक सीएचसी, भानपुर