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अंधियारा छंटा, कूड़ा न हटा

बस्ती : कार्तिक अमावस्या की काली अंधियारी रात में टिमटिमाते दीपों की चकाचौंध यह बताने के लिए पर्याप

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 11:01 PM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 11:01 PM (IST)
अंधियारा छंटा, कूड़ा न हटा

बस्ती : कार्तिक अमावस्या की काली अंधियारी रात में टिमटिमाते दीपों की चकाचौंध यह बताने के लिए पर्याप्त होती है कि जीवन के समस्या रूपी अंधियारों से पार पाना कतई मुश्किल नहीं है। हम सब अपने प्रयास रूपी दीपक से अंधकार को मिटाकर एक सुनहरे भविष्य के सपने तो देख रहे हैं, लेकिन बीमारियों को दावत देने वाली गंदगी को दूर कर स्वस्थ समाज के निर्माण की पहल करने से हिचक रहे हैं।

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प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर गांव हो या शहर एक माह पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती है। सफाई से लेकर रंगाई-पुताई का कार्य चलने लगता है। घरों और दुकानों से निकलने वाला कूड़ा सड़कों एवं गलियों में गिरा दिया जाता है, लेकिन यह भूल जाते हैं, इससे होने वाली समस्याओं से उन्हीं का सामना होगा। गुरुवार को भी सड़कों पर गंदगी पसरी नजर आई। सफाई की जिम्मेदारी नगर पालिका की है। सार्वजनिक स्थलों को गंदगी मुक्त बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

गंदगी देखनी हो तो यहां आइए

पुरानी बस्ती इलाके की कोई ऐसी गली और सड़क नहीं है, जहां कूड़ा कचरा न बिखरा हो। जिला अस्पताल रोड पर जगह-जगह कूड़ा पड़ा हुआ है। दक्षिण दरवाजा और मंगल बाजार जाने वाली सड़क भी सफाई व्यवस्था को चिढ़ा रहे हैं।

घरों और दुकानों से निकला कूड़ा सड़क और गलियों में जहां-तहां गिरा दिया गया। अब पड़ा हुआ है। सफाई तो नियमित कराई जा रही है लेकिन कूड़ा प्रबंधन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नगर पालिका के पास संसाधनों की कमी नहीं है। तीन सौ से अधिक सफाई कर्मी है तो कूड़ा निस्तारण में प्रयुक्त होने वाले वाहन की भी कमी नहीं है।

गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई स्वच्छ भारत निर्माण की मुहिम से प्रभावित हो मंत्री, सांसद, उद्योगपति और फिल्मी सितारे तक जुड़ रहे हैं, लेकिन गांव व शहरों में संभ्रांत और बुद्धिजीवी सफाई को लेकर आगे आने से अब भी संकोच कर रहे हैं। आम लोगों की बात क्या करें जिन्होंने स्वच्छता की शपथ ली वह ही संकल्पों को भूल गए हैं।

मुहल्लों, गलियों में ही नहीं कलेक्ट्रेट परिसर में भी कूड़ा और गंदगी फैली हुई है। जिला पंचायत भवन के सामने और डीएम कार्यालय गेट पर कूड़े का ढेर पड़ा हुआ है। नाले नालियां भी कूड़ा घर बन गए है। ------------------

गांवों में नहीं दिखे सफाई कमी

दीपावली पर्व के दिन गांवों मे सफाई कर्मी नहीं पहुंचे। घर और दरवाजे की सफाई तो लोगों ने कर ली लेकिन सार्वजनिक स्थलों और सड़कों पर गंदगी पड़ी रह गई।

निर्मल भारत अभियान के जिला समन्वयक विष्णु देव तिवारी ने बताया यह सही है दीपावली के दिन गांवों में सफाई कार्य नहीं हुआ है।

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..मुझे कुछ कहना है

स्वच्छ भारत निर्माण मुहिम को सफल बनाना हम सब की जिम्मेदारी है। इसे सफल बनाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना चाहिए।

कुंदन लाल वर्मा

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गंदगी से बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। घर और दुकान से निकलने वाला कूड़ा सड़क तथा नालियों में न गिराएं।

मनोज सर्राफ

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गांव और शहर को गंदगी मुक्त बनाना हमारी जिम्मेदारी है। जिस तरह हम नियमित शरीर की सफाई पर ध्यान देते हैं, उसी तरह गली, सड़क और घर की सफाई पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

सूर्य नरायन गुप्ता

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सफाई अभियान से युवाओं को जोड़ने की जरूरत है। इसके लिए स्कूल-कालेज में जन जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए।

राजमणि पांडेय

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