'जिला पूर्ति अधिकारी को बचा रहे डीएम'
बस्ती : राज्य महिला आयोग की सदस्य सुमन सिंह ने जिला पूर्ति कार्यालय में भाई सुशील सिंह के पिटाई किए
बस्ती : राज्य महिला आयोग की सदस्य सुमन सिंह ने जिला पूर्ति कार्यालय में भाई सुशील सिंह के पिटाई किए जाने के मामले की भ्रष्टाचार निवारण कमेटी से जांच कराए जाने की मांग की है। कहा है कि इस प्रकरण में जिलाधिकारी एके दमेले की भूमिका संदिग्ध है। वह जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) को बचा रहे हैं।
सुमन सिंह बुधवार को लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण गृह में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। कहा कि डीएसओ ने तिकड़म और भ्रष्टाचार के बल पर तीसरी बार जिले में तैनाती कराई है। जिले भर के कोटेदार हमारे साथ हैं। घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 20 अक्टूबर को जब सुशील नये प्रणाली के तहत बढ़े मिट्टी तेल पाल्हा की जनता के हित में देने की बात कहने गए थे। डीएसओ को यह पता नहीं था कि कोटेदार सुशील मेरा भाई है। इस दौरान तेल बढ़ाने को लेकर डीएसओ ने पैसे की मांग की, जब उसने इन्कार किया तो वह भड़क गए और कोटा निरस्त करने की धमकी देते हुए हाथापाई पर उतर आए। निहत्थे सुशील पर ताबड़तोड़ हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया। उसको बारह टांके लगे हैं। वह अब भी गंभीर है। उसका इलाज घर पर चल रहा है। मेरे ऊपर सिफारिश करने व धमकी देने का आरोप लगाया गया है वह पूरी तरह निराधार है। मैं इससे इन्कार नहीं करती कि मैंने कोई सिफारिश नहीं की होगी, मगर वह जनहित में रहा होगा। इसे डीएसओ धमकी बता रहे हैं।
राज्य महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि डीएम दमेले के इशारे पर ही पुलिस ने सुशील का मुकदमा दर्ज नहीं किया। कहा कि इस मामले को मैंने शासन तक पहुंचा दिया है। न्याय नहीं मिला तो भूख हड़ताल करूंगी।
आरोप निराधार, मेरी कोई भूमिका नहीं: डीएम
बस्ती: जिलाधिकारी एके दमेले ने राज्य महिला आयोग की सदस्य सुमन सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से बेहद आहत हैं। उन्होने कहा कि इस मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है। न तो मैंने जिला पूर्ति अधिकारी को बचाने के लिए अपने अधिकार का उपयोग किया है, न ही पुलिस अधिकारियों को मुकदमा दर्ज करने से मना किया। जांच के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
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दागदार है कोटेदार का दामन
जिला पूर्ति अधिकारी पूरन सिंह चौहान ने कहा कि मैं शासन की नीतियों के अनुसार ही कार्य कर रहा हूं। जिस कोटेदार सुशील सिंह को गंभीर रूप से मार कर घायल करने का आरोप राज्य महिला आयोग की सदस्य मढ़ रही हैं । उसकी हकीकत यह है कि उन्हें मैंने छुआ तक नहीं। वे कार्यालय में आए तो नशे में थे। उनके खिलाफ 3 अक्टूबर 08 में पूर्ति निरीक्षक हरिराम सिंह ने आवश्यक वस्तु अधिनियम का मुकदमा दर्ज कराया था, जो न्यायालय में लंबित है।