कुछ काउंटर से लें, बाकी बाहर से
जागरण संवाददाता, बस्ती : समय- 10 बजे। स्थान - जिला चिकित्सालय का वाह्य चिकित्सा कक्ष (ओपीडी)। चिकित्सकों के कक्ष पर लंबी लाइन। पर्ची काउंटर पर भी भीड़। ओपीडी के दो चिकित्सकों के कक्ष खुले, मगर डाक्टर नहीं आए। जो चिकित्सक बैठे थे, उनके पास भीड़ जमा थी। चिकित्सक दवा लिख कर मरीजों को यह बता रहे थे कि कुछ दवा काउंटर पर ले लें, अन्य बाहर गेट पर स्थित दुकान पर आसानी से मिल जाएगी।
जागरण ने गुरुवार को जिला चिकित्सालय वाह्य चिकित्सा कक्ष में कुछ ऐसा ही कैमरे की नजर से देखा।
दवा के बहाने मरीजों का शोषण किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय में डाक्टरों की नामौजूदगी के बाद भी वाह्य चिकित्सा कक्ष दलालों के कब्जे में दिखी तो दवा माफिया भी चिकित्सालय में सेटिंग गेटिंग करने के लिए घूमते दिखे, दवा लाने के लिए मरीजों के तीमारदार बाहर से अंदर आते जाते मिले। ये लोग चिकित्सक को दवा दिखाने जा रहे थे।
इन्होंने बयां किया दर्द
पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के कनैली गांव निवासी कमर खान बाहर से दवा लेकर लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि यह दवा गांव में एक व्यक्ति ने मंगाई हैं। तीन चार दिन पहले मैं बीमार था, तो जिला चिकित्सालय में आया तो चिकित्सक नहीं मिले । उनके घर पर 200 रुपये फीस देकर दिखाया था । उन्होंने दवाएं भी बाहर की लिखी थीं।
वायरल फीवर व खांसी से पीड़ित बीमार पुरानी बस्ती क्षेत्र के बन्नी गांव निवासी रमेश ने चिकित्सक को दिखाया तो उन्हें तीन दवाएं चिकित्सालय की तथा चार दवाएं बाहर की लिखकर पर्ची थमा दी गई। जो 380 रुपये में मिली। चिकित्सक के कक्ष में बैठे युवक ने समझाया कि दवाएं लेने के बाद जरूर दिखा लें।
वायरल फीवर से पीड़ित 70 वर्षीय राम बहादुर को एक दवा बाहर से लेने की सलाह चिकित्सक ने दी थी। उसे लेने के लिए यह बुजुर्ग बाहर की दुकान पर जा रहे थे।
वाल्टरगंज क्षेत्र के मझौवामीर गांव निवासी मुन्ना 16 वर्षीय बहन विनीता की आंख दिखाने आए थे। चिकित्सक ने इन्हें 424 रुपये की दवा बाहर से लिख दी हैं। कहा कि वे इसे दिखाने जा रहे हैं, क्योंकि चिकित्सक के कमरे में बैठे युवक ने दवा लेने के बाद दिखा लेने की हिदायत दी है। नगर से छह वर्षीय बच्चे का इलाज कराने आई कलावती को चिकित्सक ने देखा और उसे बाहर की दवाएं लिख पर्ची दे दी।
नहीं मिले चिकित्सक लौट गई बीमार सन्नो
ग्राम परसा हज्जाम की 16 वर्षीय सन्नो पुत्री स्व. धर्मेंद्र बुजुर्ग दादी के साथ चिकित्सक डा. रामजी सोनी को दिखाने आई थी, मगर चिकित्सक नहीं मिले। ऐसे में उसे लौटना पड़ रहा था। सन्नो की दादी ने कहा कि अब यहां से किसी प्राइवेट चिकित्सक को दिखाएगी।
फिजीशियन व सर्जन दोनों रहे गायब
जिला चिकित्सालय के फिजीशियन डा. रामजी सोनी व सर्जन डा. राशिद खान के कक्ष पर भीड़ लगी जरूर थी, मगर वह कुर्सी पर नहीं थे। डा. खान की मेज पर मरीजों की पर्चियां पड़ी थीं और बाहर उनके इंतजार में सुबह से मरीज बैठे थे। डा. सोनी के कक्ष में तीन लोग बैठे मिले। बताए कि चिकित्सक आज नहीं मिलेंगे वे कैम्प में गए हैं। कहां वे नहीं जानते।
इनके कक्ष के बाहर चिकित्सक के इंतजार में बैठे ओडवारा की शांति देवी, दुबौली के सत्यदेव सिंह, पटखौली राजा के फूलचंद्र, गोटवा के राम प्रताप सिंह सहित रुधौली घोसियारी, मुंडेरवा, हर्रैया, बभनान सहित विभिन्न स्थानों से आए मरीजों ने कहा कि चिकित्सक सुबह से यहां नहीं आए हैं। कोई कुछ बताने वाला नहीं है।