न्यायालय में दर्ज हुआ शालिनी का बयान
जागरण संवाददाता, बस्ती : हर्रैया थाना क्षेत्र के चर्चित मामले में अपहृता शालिनी को विवेचक ने न्यायिक दंडाधिकारी विराट शिरोमणि की अदालत में पेश किया। न्यायालय ने उसे बालिग मानकर उसकी इच्छा पर जाने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया। पीड़िता का बयान न्यायिक दंडाधिकारी महेंद्र सिंह ने दर्ज किया।
पीड़िता के पिता दिनेश ओझा की ओर से सुपुर्दगी के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें पीड़िता को नाबालिग कहते हुए पिता की सुपुर्दगी में दिए जाने की याचना की गई है। न्यायालय ने पीड़िता के बयान का अवलोकन करने के उपरांत माना कि पीड़िता ने अपने बयान में स्वेच्छा से विनीत के साथ सहजनवा जाने की बात कही है। यह भी कहा है कि विनीत ने उसके साथ कोई गलत संबंध नहीं बनाया। पुलिस को दिए गए बयान में भदेश्वरनाथ मंदिर में विनीत के साथ शादी करने की बात भी स्वीकार की है। पीड़िता के पिता की तरफ से नाबालिग होने का जो भी प्रमाण पत्र दिया गया वह अपूर्ण है उससे शालिनी की जन्म तिथि जाहिर नहीं होती है। दूसरी तरफ चिकित्सकीय परीक्षण में उसकी उम्र लगभग 18 वर्ष बताई गई है। उच्च न्यायालय द्वारा पारित सिद्धांतों के आधार पर माना यह प्रेम प्रसंग का मामला प्रथम दृष्टया साबित होता है। पीड़िता को बालिग मानकर उसकी स्वतंत्र इच्छा पर छोड़े जाने का आदेश दिया जाता है। विवेचक जहां पीड़िता जाने को कहे सुरक्षित पहुंचाएं। शालिनी ने अपने पिता के साथ जाने की इच्छा जाहिर की। विवेचक उप निरीक्षक रणधीर मिश्र ने शालिनी को उसके पैतृक आवास सुरक्षित पहुंचा दिया है।