भारतीय संस्कृति की आत्मा है शास्त्रीय संगीत
जागरण संवाददाता, बस्ती : शास्त्रीय संगीत भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की आत्मा है। मानव जीवन के सकारात्मक विकास में इसकी भूमिका प्रभावी है।
उक्त विचार सक्सेरिया इंटर कालेज के शिक्षक राजेश आर्य ने भातखडे महराज एवं विष्णु दिगम्बर पलुष्कर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए व्यक्त किया। प. ज्वाला प्रसाद संगीत प्रशिक्षण केंद्र पर सोमवार को आयोजित जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते रहे थे। उन्होने कहा कि शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के लिए सभी वर्गो के लोगों को सामूहिक प्रयास करना होगा। वर्तमान में शास्त्रीय संगीत के प्रचार प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया।
संस्थान के प्रबंधक विनोद कुमार उपाध्याय ने कहा कि आधुनिक संगीत की भीड़ में शास्त्रीय संगीत के प्रति लोगों को रूझान कम हुआ है। इसे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती, दिगम्बर पलुष्कर, भातखंडे महराज के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ।
इस मौके पर ज्योति जायसवाल, आंचल श्रीवास्तव, मंदाकिनी सिंह, अभिलाषा, ऐश्वर्या, विष्णु प्रिया, शिवानी पांडेय, सुहानी पटेल, प्रिया पांडेय, निधि दूबे, सविता पांडेय, अश्वनी सिंह, हरिओम, प्रखर श्रीवास्तव, शुभम गुप्ता, प्रिंस, सलीम, धनुषधारी, पंकज उपाध्याय, रवि प्रकाश आदि मौजूद रहे।