रात में युद्ध के लिए भी तैयार होगी जाट रेजीमेंट : ले.जनरल सैनी
जागरण संवाददाता, बरेली : समय का चक्र बदलने के साथ युद्ध की रीति और नीतियां भी बदल रही हैं। पहले म
जागरण संवाददाता, बरेली : समय का चक्र बदलने के साथ युद्ध की रीति और नीतियां भी बदल रही हैं। पहले महज दिन में ही युद्ध होते थे। अब रात में भी सरहदों पर युद्ध होने लगे हैं, सीज फायर का उल्लंघन होता है। ऐसे में अब जाट रेजीमेंट के सैनिकों को भी अत्याधुनिक उपकरणों से लैस कर रात में भी युद्ध के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यूनिट चाहे लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर भेजी जाए, नॉर्थ ईस्ट में तैनात हो, सियाचीन ग्लेशियर या किसी और सरहद पर, हर जगह वह देश की सुरक्षा ज्यादा बेहतर ढंग से करेगी। जाट रेजीमेंट सेंटर पर 222वें स्थापना दिवस के दौरान बतौर मुख्य अतिथि यह बात कर्नल ऑफ रेजीमेंट एसके सैनी ने कही। उन्होंने सैनिकों को सेना के गौरवशाली के इतिहास के बारे में भी बताया।
बेसिक ट्रेनिंग अभी भी उतनी ही अहम
सैन्य क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रही तकनीकि के सवाल पर लेफ्टीनेंट जनरल कहते हैं कि अब सर्विलेंस डिवाइसेज, नाइट विजन कैमरे, ड्रोन कैमरे और ड्रोन गन का तेजी से उपयोग हो रहा है। लेकिन इससे सैनिकों की बेसिक ट्रेनिंग पर कोई असर नहीं है। तकनीकि अपनी जगह है लेकिन अंत में आपको खुद का फौलादी जिस्म रखना होता है और गोली सीधे निशाने पर लगनी चाहिए।
युवाओं का सेना में सुनहरा भविष्य
सेना का अलग ही जीने का ढंग है। यहां लोग महज महीने भर के आखिर में तनख्वाह लेने नहीं आते। फिर भी अब सेना में युवाओं के लिए सुनहरा भविष्य है। सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद वेतन भी पहले से बेहतर हो गया है। और ज्यादा भर्ती होने के बाबत ले.जनरल सैनी ने कहा कि जाट रेजीमेंट पहले से ही कैपिसिटी से ज्यादा रंगरूट ट्रेंड कर रहा है। इसे और बढ़ाना है तो मूलभूत चीजों में बढोत्तरी करनी होगी। और इंस्ट्रक्टर लाने होंगे।
जाट रेजीमेंट का भारतीय सेना में ऊंचा दर्जा
जाट रेजीमेंट सेंटर के बारे में पूछने पर बताते हैं कि भारतीय सेना में काफी ऊंचा ओहदा है। यहां की ट्रेनिंग और सुविधाएं बेहतर हैं। हम सेना के सबसे पुराने और सुसज्जित रेजीमेंट में से एक हैं। बटालियन को 31 बैटल ऑनर और 19 थेटर ऑनर मिले हैं। इसके अलावा आठ महावीर चक्र, आठ कीर्ति चक्र, 32 शौर्य चक्र, 39 वीर चक्र और 170 सेना मेडल मिले हैं।
युवाओं को जागरूक करने के लिए स्पेशल अभियान
सेना भर्ती में युवाओं का सफलता प्रतिशत कम होने के बाबत कर्नल ऑफ द जाट रेजीमेंट एसके सैनी कहते हैं कि युवाओं को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चल रहे हैं। हाल ही में बरेली से देहरादून तक साइकिल रैली का यही उद्देश्य था। बाहर जो चल रहा है नए लड़के उसी सोच के साथ आएंगे। हमारा काम उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से दक्ष बनाना है।