ग्रीन बेल्ट में चुनाव दफ्तर, ढाबे का निर्माण
जागरण संवाददाता, बरेली: बड़ा बाईपास बनने के बाद आसपास जमीनों को सोने के भाव बेचने की तैयारी है। राजनीतिक दलों के दफ्तर और धार्मिक स्थलों की आड़ लेकर अवैध रूप से निर्माण कर लिया गया है। कमिश्नर ने इस पर संज्ञान लेते हुए बीडीए के अफसरों को तलब कर लिया। सर्वे कराया तो 11 निर्माण चिन्हित हुए, जिन्हें नोटिस भी दे दिए गए। 15 दिन बाद उन्हें तोड़ दिया जाएगा।
परसाखेड़ा से शुरु होकर रजऊ पर निकले बड़ा बाईपास पर जमीनों के दाम अचानक बढ़ गए हैं। यहां आवास विकास परिषद की दो कालोनियां भी प्रस्तावित हैं। उससे पहले प्राइवेट कालोनाइजर हरकत में आ गए हैं। कोठरियां बनाकर जमीन बेची और खरीदी जा रही है। एक जगह गुपचुप तरीके से धार्मिक स्थल बना दिया गया तो उससे थोड़ा आगे सपा का दफ्तर खड़ा हो गया। तब जबकि बड़ा बाईपास के दोनों तरफ 100-100 मीटर तक पहले ही ग्रीन बेल्ट घोषित की जा चुकी है। किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता। कमिश्नर ने संज्ञान लेते हुए मंगलवार को बीडीए की टीम से सर्वे कराया। उसके बाद सभी को कैंप कार्यालय बुलाकर सर्वे की जानकारी ली। निर्देश दिए कि एक भी अवैध निर्माण बचना नहीं चाहिए। बीडीए के उपसचिव पीपी सिंह ने बताया कि सभी 11 लोगों को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर दिया है।
इन्होंने कराया निर्माण
अनिल पटेल-ढाबा
नत्थूलाल वर्मा-कोठरी
प्रदीप कुमार-धार्मिक स्थल
चेतराम-बाउंड्री
महेंद्र-कोठरी
राजेश पटेल-चुनाव कार्यालय
प्रेम साहू-कोठरी
लोटन सिंह-कोठरी
छोटेलाल-बाउंड्री
सियाराम-शिव प्रापर्टी
वर्जन
बड़ा बाईपास पर हो रहे निर्माण को लेकर एक्ट में दिए गए प्रावधानों के तहत कार्रवाई कराई जाएगी। जल्द ध्वस्तीकरण होगा।
विपिन कुमार द्विवेदी, कमिश्नर