विपक्ष के बाद निर्वाचन आयुक्त ने भी कहा-प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब
राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल भी मानते हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब है। प्रमुख सचिव गृह के पद पर भी रहे एसके अग्रवाल मानते हैं कि अपराध और अपराधी दोनों ही बढ़े हैं।
बरेली (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के पहले सत्र में जहां विपक्ष ने खराब कानून-व्यवस्था पर योगी आदित्यनाथ सरकार को पांच दिन घेरा वहीं राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल भी मानते हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब है। प्रमुख सचिव गृह के पद पर भी रहे एसके अग्रवाल मानते हैं कि अपराध और अपराधी दोनों ही बढ़े हैं। सवाल खड़ा किया फिर हिस्ट्रीशीट कम क्यों है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल कल बरेली में थे। उन्होंने कहा कि गोरखपुर, लखनऊ, बनारस और अब बरेली जोन की समीक्षा में साफ हुआ कि अप्रैल माह के दौरान कुछ जिलों ने अच्छा काम नहीं किया है। जब तक प्रदेश में जघन्य अपराधी, हिस्ट्रीशीटर, इनामी और फरार बदमाश नहीं पकड़े जाएंगे, इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, सूबे में कानून व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है। कमिश्नरी सभागार में बरेली और मुरादाबाद मंडल में स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे।
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उन्होंने निर्देश दिए कि जिन जघन्य अपराध में अभियुक्त नामजद हुए हैं, उन सभी केस में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। तीन या छह माह तक लंबित रहने से जनता में गलत संदेश जा रहा है। गैंगस्टर, गुंडा एक्ट और जिला बदर करने की कार्रवाई करें।
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सांप्रदायिक और जातिगत हिंसा के मामलों में त्वरित व निष्पक्ष कार्रवाई हो। पंचायत चुनाव को लेकर कहा कि देखने में आया है कि फोर्स हिंसा के दौरान हेलमेट और सुरक्षा जैकेट इत्यादि पहने बगैर ही घटनास्थल पर पहुंच जाती है। किसी बड़े अफसर या फिर इंस्पेक्टर के घायल होने से फोर्स का मनोबल टूट जाता है इसलिए दंगा नियंत्रण की ट्रेनिंग सभी को कराएं।
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उन्होंने निकाय चुनाव टलने की संभावना से इन्कार किया। इसके बाद कहा कि छह या सात जून तक अधिसूचना जारी हो सकती है। पुनरीक्षण अभियान भी दस दिन बढ़ाए जाने की जानकारी दी। बैठक में एडीजी कानून व्यवस्था के साथ ही दोनों मंडलों के कमिश्नर एवं एडीजी बरेली जोन मौजूद रहे।
ईवीएम में छेड़छाड़ की बात हवा हवाई
एसके अग्रवाल ने कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ की बात महज किसी के कह देने भर से सच नहीं हो जाती। भारत निर्वाचन आयोग साबित करने की चुनौती भी दे चुका है लेकिन अभी तक किसी ने ऐसा नहीं किया। अगर बात सही होती तो पब्लिक के बीच से भी शिकायत आती।
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29 तक सूची में जुड़वाएं नाम
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, कटवाने इत्यादि के लिए आवेदन को बढ़ाकर अब 29 मई कर दिया गया है। अफसरों से कहा है कि बीएलओ को भेजकर 29 मई तक इसे दुरुस्त करा लें। पात्रों को मतदाता बनाया जाए। अपात्रों के नाम कटने चाहिए।