दिल्ली की सड़कों जैसा दिखेगा बड़ा बाईपास
जागरण संवाददाता, बरेली : सोमवार से जनता के लिए खोले जा रहे बड़ा बाईपास में अब तक कि सबसे आधुनिक तकनीकि इस्तेमाल हुई है। वह दिल्ली जैसे मार्गो की तरह दिखेगा। एक तो सड़क पर तारकोल मई-जून की तेज गर्मी में भी नहीं पिघलेगा, वहीं रिफ्लेक्टर रात में कम रोशनी पड़ने पर भी तेज चमक बिखेरेंगे। सबसे खास यह कि इसे हादसों की आशंका को कम करने के लिए डिजायन किया गया है।
इंतजार में लंबा वक्त तो लगा, लेकिन राहत भी उतनी ज्यादा मिलने जा रही है। बड़ा बाईपास में अब तक की सबसे श्रेष्ठ तकनीकि इस्तेमाल की गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों और निर्माण करने वाली कंपनी के इंजीनियर का यही कहना है। इसे उसी तरह बनाया गया है, जैसे दिल्ली-आगरा, दिल्ली महरौली मार्ग को बनाया गया है। 31 किमी. लंबे बड़ा बाईपास पर कहीं भी ट्रैफिक रुकेगा नहीं। हादसे की संभावना भी बहुत कम होगी।
तारकोल पिघलेगा नहीं
अक्सर सड़कें तेज गर्मी पड़ने पर पिघलने लगती हैं, लेकिन बड़ा बाईपास में ऐसा नहीं होगा। आधुनिक प्लांट के बूते तारकोल को इतना मॉडीफाइ किया गया है कि कम गर्मी में चटखेगा नहीं और तेज धूप में पिघलेगा नहीं, यहां तक कि 50 डिग्री तापमान होने पर भी नहीं।
खूब चमकेंगे रिफ्लेक्टर
बड़ा बाईपास पर रिफ्लेक्टर भी ज्यादा चमक वाले लगाए गए हैं। हर मोड़ पर शेवरन साइन तीर दिए गए हैं। इनसे सड़क की गोलाई का पता लग जाएगा। हादसों की संभावना कम रहेगी।
सौ की स्पीड से दौड़ेंगे वाहन
बड़ा बाईपास को सौ की स्पीड ध्यान में रखकर डिजायन किया गया है, लेकिन वाहन चालकों के लिए राज्य सरकार का नियम लागू होगा। वे अपने वाहनों को 80 से ज्यादा रफ्तार पर नहीं चला सकेंगे।
हर दो किमी पर टेलीफोन यंत्र
वाहन चालकों को हादसे या किसी दूसरी घटना की सूचना देने के लिए हर दो किमी पर टेलीफोन यंत्र मुहैया कराया गया है। जो कंट्रोल रूम से कनेक्ट रहेगा। सूचना मिलते ही पेट्रोलिंग कारें हरकत में आ जाएंगी।
पांच जगह बनेंगे पुलिस बूथ
राहगीरों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बड़ा बाईपास के पांच स्थानों पर पुलिस बूथ बनाए जाएंगे। पहले बूथों का प्रावधान नहीं था। ऐसा डीएम संजय कुमार के निर्देश पर किया गया है। उसके लिए ये स्थान एहलादपुर, पीलीभीत बाईपास पर जहां कि विलयधाम था, बिशनपुर चौराहा, नवदिया झाडा व कचौली तय किए गए हैं।
वर्जन
बड़ा बाईपास पर नई तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। उसके साथ ही उधर से होकर गुजरने वालों की सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया है। उन्हें किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- मुहम्मद शफी, प्रबंधक तकनीकी, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
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किसानों को झटका, कोर्ट में अर्जी निरस्त
-विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने सुनवाई के बाद सुनाया फैसला
जागरण संवाददाता, बरेली: जमीन के मुआवजे को लेकर लड़ी जा रही लड़ाई में किसानों को झटका लगा है। बड़ा बाईपास शुरू होने से पहले विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी लक्ष्मी शंकर सिंह ने किसानों की उन अर्जियों को खारिज कर दिया है, जिसमें जमीन का मुआवजा नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत दिलाने की गुजारिश की गई थी।
यह मांग लेकर ढाई सौ से ज्यादा किसान एसएलओ कोर्ट गए थे। उस पर लंबी सुनवाई चली। दरअसल 1800 किसानों में अभी 550 से ज्यादा ने मुआवजा नहीं लिया है। तब डीएम ने करार नहीं करने पर एवार्ड घोषित करा दिया। मुआवजा नहीं लेने वाले किसानों का पैसा कोषागार में जमा करा दिया गया। बड़ा बाईपास बनने के बाद भी किसान जमीन के मुआवजे को लेकर लड़ रहे हैं। उन्होंने डीएम के एवार्ड घोषित करने की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए जमीन का मुआवजा नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मांगा है। डीएम के फैसले के खिलाफ पहले से ही जिला जज कोर्ट में भी अर्जी दाखिल कर रखी है। उसी आधार पर एसएलओ ने अयोध्या प्रसाद, नत्थूलाल, रमेश, सुरेश, महेश इत्यादि किसानों के अलग-अलग दिए गए प्रार्थना-पत्र खारिज कर दिए। अब इस मामले की सुनवाई जिला जज कोर्ट में चलती रहेगी। किसान हाईकोर्ट भी जा सकते हैं। बता दें कि जमीन पर कब्जा लेने के दौरान किसानों ने प्रशासन का जबर्दस्त विरोध किया था। उन पर लाठी चार्ज तक कराना पड़ा था। तब किसानों के उग्र आंदोलन तो थम गया, लेकिन कोर्ट में वे अपनी लड़ाई अभी भी लड़ रहे हैं।
आज दिखाएंगे काले झंडे
बरेली: मुआवजा नहीं लेने वाले किसान बड़ा बाईपास ट्रैफिक के लिए खोले जाने पर काले झंडे दिखाएंगे। इसके लिए उनकी हरिनंदन सिंह की अगुवाई में मीटिंग हुई। तय हुआ कि शांतिपूर्ण तरीके से काले झंडे लहराकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा देने की मांग जारी रखेंगे।