रहें सावधान..जानलेवा बना गीजर, दम घुटने से महिला की मौत
बाथरूम में लगा गैस गीजर जानलेवा साबित हो गया।
जेएनएन, बरेली : बाथरूम में लगा गैस गीजर जानलेवा साबित हो गया। कानूनगोयान मुहल्ले में रहने वाली कारोबारी की पत्नी नहाने के लिए बाथरूम में गई थीं। वहां चल रहे गीजर के कारण उनका दम घुट गया। काफी देर तक बाहर नहीं आई तो परिजनों ने आवाज दी। कोई जवाब नहीं आने पर बाथरूम का दरवाजा तोड़ा तो अंदर वह बेसुध पड़ीं थीं। आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया मगर इलाज से पहले उनकी मौत हो गई। जिसकी वजह दम घुटना बताया जा रहा।
मुहल्ला कानूनगोयान में रहने वाले हरीश जयसवाल के बेटे मोहित भी व्यापारी हैं। रविवार दोपहर को उनकी पत्नी दिशा (26) नहाने के लिए बाथरूम में गई। गर्म पानी लेने के लिए उन्होंने गीजर चला दिया। उसी दौरान बंद बाथरूम में ही कपड़े धोने लगीं। दूसरी ओर परिवार के अन्य सदस्य अपने कामों में व्यस्त थे। काफी देर तक दिशा बाहर नहीं आई तो परिवार वालों को खटका। उन्होंने बाथरूम के दरवाजे पर पहुंचकर आवाज दी मगर अंदर से कोई जवाब नहीं आया। जिस पर परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। उन्होंने दरवाजे तोड़ दिया। अंदर देखा कि दिशा जमीन पर अचेत अवस्था में पड़ीं हैं। वहां गीजर चल रहा था।
परिजनों को समझते देर नहीं लगी कि गीजर के कारण उनकी हालत बिगड़ी है। वे तुरंत दिशा को कस्बे के ही नजदीकी अस्पताल लेकर दौड़ पड़े। चूंकि हालत गंभीर थी इसलिए वहां से बरेली रेफर कर दिया गया। वहां से उन्हें तुरंत बरेली के निजी अस्पताल लाया गया मगर उससे पहले उनकी सांसें थम गई थीं। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अचानक हुई घटना से हर कोई हतप्रभ है। घटना की सूचना लखनऊ में रहने वाले उनके मायके वालों को दे दी गई है। एक साल पहले हुई थी शादी मोहित और दिशा की शादी एक साल पहले हुई थी। दिशा लखनऊ की रहने वाली थीं। परिवार में सबकुछ ठीक चल रहा था। अचानक हुए हादसे ने खुशियां छीन लीं। दिशा की दो माह की बच्ची भी है।
सुविधाजनक ही नहीं, खतरनाक भी है गीजर
जासं, बरेली : गर्म पानी देने वाला गीजर जितना सुविधाजनक है, उतना ही खतरनाक भी। ऐसे में गीजर चलाने से पहले बेहद सतर्कता बरतना जरूरी है। ऑक्सीन एलपीजी सिलेंडर से भी गीजर चलाए जाते हैं। एलपीजी में ब्यूटेन व प्रोपेन गैस होती है, जो जलने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करती है। छोटी जगह में जब गैस गीजर चलता है तो वहा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है और ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। बंद बाथरूम में मौजूद शख्स को इसका एहसास नहीं हो पाता। धीरे-धीरे दिमाग में ऑक्सीजन की होने लगती और बेहोशी छा जाती है। यह देखा गया है कि महिलाएं ज्यादातर गैस गीजर सिंड्रोम से पीड़ित होती हैं।
ब्रेन हैमरेज होने के साथ रहता बेहोश होने का खतरा
गैस खून के अंदर ऑक्सीजन पहुंचाने के सामर्थ्य को घटाने के साथ ही शरीर के अलग-अलग अंग ऑक्सीजन की कमी कारण प्रभावित होते हैं। दिल और दिमाग को जरूरत अनुसार के आक्सीजन न मिलने से व्यक्ति बेहोशी में चला जाता है और आमतौर पर मौत हो जाती है। इसमें दिमाग की नसें कमजोर हो जाती है तथा ब्रेन हैमरेज होने से मौत भी हो सकती है। गीजर से इतने खतरे बंद बाथरूम में गैस गीजर चलने से ऑक्सीजन की कमी से घुटने, छाती में दर्द, चक्कर आने, आवाज कम हो जाना तथा हाथों-पैरों की मूवमेंट कम होने से नहाने वाला अपने आप को नहीं संभाल पाता है और बेहोश हो जाता है।
बरतें यह सावधानियां
- गीजर लगाने और चलाने से पहले रखें ध्यान।
- गीजर और गैस सिलेंडर को बाथरूम के बाहर खुली जगह पर लगाएं।
- बाथरूम में रोशनदान जरूर बनवा लें।
- गेट खुला रखकर ही गर्म पानी भरें, बंद बाथरूम में इसे नहीं चलाएं
- इस्तेमाल करने से पहले औपचारिक जाच लें, कहीं गैस रिसाव तो नहीं हो रहा।
- बच्चों को अकेले बाथरूम में गीजर चलाने की इजाजत नहीं दें।