संविदा कर्मियों का वेतन अटका
जागरण संवाददाता, बरेली: कृषि विभाग में संविदा पर तैनात सलाहकारों का वेतन लटक गया है। अफसरों ने एक जुलाई से तैनाती दिखाई है, तो वहीं संविदा कर्मियों ने एक अप्रैल से काम करने की बात कही। अफसरों से शिकायत कर तमाम आरोप लगाए हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) योजना के तहत कृषि विभाग में सलाहकार पद पर संविदा कर्मियों की तैनाती की गई थी। इनका जुपीटर एडमिनिस्ट्रेटिव एंड सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड लाजपतनगर, दिल्ली के माध्यम से वर्ष 2011 में नियुक्ति हुई थी। विभाग ने इस साल एक अप्रैल से काम लेना शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने रिन्युवल की बात पूछी, तब एक अप्रैल से ही रिन्युवल का भरोसा दिलाया था। मगर तीन माह तक कोई वेतन नहीं मिला। इससे खफा संविदा कर्मी मुनेंद्र कुमार सैनी, सुधाकर वर्मा, डा.राजनाथ मिश्र, लवकुश भूषण आदि ने अफसरों से मामले की शिकायत की है। मुनेंद्र कुमार सैनी ने एक अप्रैल से रिन्युवल न दिखाने को लेकर अफसरों पर तमाम आरोप लगाए। इसके साथ ही कमिश्नर से मामले की शिकायत की है। कमिश्नर विपिन कुमार द्विवेदी ने कृषि अफसरों से मामले की जांच-पड़ताल कर रिपोर्ट मांगी है। उधर, संयुक्त कृषि निदेशक राम लखन राजपूत ने आरोपों को गलत बताया। वह बोले, उप निदेशक कृषि के यहां से वेतन मिलता है। इन लोगों के कागज मेरे पास एक जुलाई से रिन्युवल के आए हैं।