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बिल्डरों को 'बदनाम' करेगा बीडीए

जागरण संवाददाता, बरेली : अवैध निर्माण कर शहरों की सूरत बिगाड़ने वाले बिल्डरों की प्रदेश सरकार आदत सुध

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 11:40 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2017 11:40 PM (IST)
बिल्डरों को 'बदनाम' करेगा बीडीए
बिल्डरों को 'बदनाम' करेगा बीडीए

जागरण संवाददाता, बरेली : अवैध निर्माण कर शहरों की सूरत बिगाड़ने वाले बिल्डरों की प्रदेश सरकार आदत सुधारने जा रही है। जिस तरह उन्होंने अवैध तरीके अपनाकर कॉलोनियां बसा दी। उसी तरीके से अब बरेली बीडीए भी उनके इस अवैध काम को जनता के सामने रखकर बदनाम करेगा। पूरा डाटा ऑनलाइन होगा। इस पर बीडीए ने मंगलवार से काम शुरू करवा दिया है।

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दो दशक पहले बीडीए स्थापित हुआ। इसी बीच बरेली में छोटी-बड़ी 300 से अधिक अवैध कॉलोनियां बिल्डरों ने बसा दी। इसमें आधी कॉलोनियों में बिजली, पानी, सीवर, नाला, सड़क, पार्क आदि की सुविधाएं हैं। बाकी कई में नहीं हैं। इसके कारण जनता को परेशानी हो रही है। बीडीए ने तर्क दिया है कि छोटे बिल्डरों ने छोटी-छोटी कॉलोनियां बनाकर सरकार का शुल्क तो चोरी किया ही, महायोजना का भी पालन नहीं किया। जिन जगहों पर हरियाली होनी थी वहां पर मकान बना दिए गए। अब बीडीए इन सभी कॉलोनियों का डाटा ऑनलाइन करेगा। जनता सीधे वेबसाइट पर जाकर देख सकती है कि कॉलोनी वैध है या अवैध। इससे मकान खरीदने वाले तमाम लोग बिल्डरों के झांसे में आने से बच जाएंगे।

इनसेट--

यहां बनाई गई अवैध कॉलोनियां

पीलीभीत बाईपास पर 44 छोटी-बड़ी कॉलोनियां अवैध रूप से बस गई। इसमें 11 दस साल के बीच में ही बसी हैं। नैनीताल मार्ग पर 12, बदायूं रोड पर 15, चौपुला रोड पर चार, कर्मचारी नगर क्षेत्र में 13, लाल फाटक मार्ग पर 22, सौ फुटा पर छह, स्टेडियम मार्ग पर नौ, शहर के मध्य 77 छोटी-बड़ी कॉलोनियां बसीं।

इनसेट---

अवैध काम में बीडीए का बड़ा हाथ

दो दशक में जितनी अवैध कॉलोनियां बसी हैं, उसमें सबसे बड़ा दोषी बीडीए ही है। क्षेत्रीय इंजीनियरों की तैनाती हुई लेकिन, कमीशन के चक्कर में किसी भी कॉलोनी पर कार्रवाई नहीं की। केवल नोटिस भेजकर कागजी कोरम पूरा किया गया। 18 उपाध्यक्ष यहां तैनात रहे। 219 से अधिक इंजीनियर रहे लेकिन, शहर की सूरत की चिंता किसी ने नहीं की। अब बीडीए को शहर की सूरत संवारने की याद आई है। हालांकि, शासन के आदेश पर सभी प्राधिकरण यह करेंगे।

वर्जन---

अवैध कॉलोनियों का डाटा ऑनलाइन करने का काम शुरू करवा दिया गया है। कोई भी व्यक्ति इन्हें देख सकता है। ऐसा होने पर बिल्डर आगे से अवैध कॉलोनी बनाने में हिचकेंगे।

---- सुरेंद्र सिंह, सचिव बीडीए


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