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बरेली मंडल में प्लास्टिक थैली निर्माण पर लगी रोक

जागरण संवाददाता, बरेली : मंडल को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए दैनिक जागरण का अभियान एक बार फिर जोर पकड़

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 11:36 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2017 11:36 PM (IST)
बरेली मंडल में प्लास्टिक थैली निर्माण पर लगी रोक
बरेली मंडल में प्लास्टिक थैली निर्माण पर लगी रोक

जागरण संवाददाता, बरेली : मंडल को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए दैनिक जागरण का अभियान एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। कमिश्नर की सख्ती के बाद सहायक निदेशक कारखाना, बरेली क्षेत्र अमित कुमार ने सभी कारखानों को प्लास्टिक थैली का निर्माण तत्काल रूप से बंद करने को कहा है। फैक्ट्रियों को जारी अपने निर्देश में उन्होंने इसका पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

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पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी गंभीर हैं। स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया गया। इसमें प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र व राज्य के सभी विभागों की मदद भी ली जा रही है ताकि पर्यावरण को पॉलीथीन से निजात दिलाई जा सके। बरेली में इस मुहिम को सफल बनाने के लिए कमिश्नर डॉ. पीवी जगन मोहन ने पूरी रूपरेखा तैयार की है, जिस पर अमल शुरू कर दिया गया है। इसमें जागरूकता के साथ ही कार्रवाई की हिदायत भी दी गई। इसी कड़ी में मंगलवार को सहायक कारखाना निदेशक ने यह आदेश जारी किया है। यह आदेश कारखाना अधिनियम 1948 के तहत दिया गया है।

बरेली में 50 लाख का कारोबार

सिर्फ बरेली शहर में ही प्रतिमाह करीब 50 लाख रुपये का पॉलीथीन का कारोबार है, जिसे लगभग 50 थोक व्यापारी करते हैं। इनकी दुकानें कुतुबखाना, बड़ा बाजार, शहामतगंज आदि में हैं।

जलभराव का बड़ा कारण

पर्यावरण की दुश्मन होने के साथ ही पॉलीथीन जलभराव का भी बड़ा कारण है। एक बार प्रयोग के बाद सभी पॉलीथीन कूड़े के ढेर में पहुंचती हैं और वहां से उड़कर नाले व नाली में। इससे वे चोक हो जाते हैं और बरसात में जलभराव का कारण बनते हैं।

कई गायों की हुई मौत

कई बार लोग पॉलीथीन में कोई खाद्य पदार्थ भरकर कूड़े के ढेर में फेंक देते हैं। आवारा घूमने वाले जानवर पॉलीथीन समेत उसे खा लेते हैं। यह पॉलीथीन पेट में पहुंचकर, उनकी आंत में चिपक जाती है। इसके चलते पिछले दिनों शहर में कई गायों की मौत हो चुकी है।

खेती की दुश्मन पॉलीथीन

पॉलीथीन खेती की भी बड़ी दुश्मन है। जमीन में दब जाने के बाद यह लंबे समय तक गल नहीं पाती, जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है।

वर्जन

सभी कारखानों को निर्देशित किया गया है कि वे प्लास्टिक थैली का निर्माण न करें। आदेश का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- अमित कुमार, सहायक निदेशक कारखाना


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