चालक की गलती साहब को मिलेगी सजा
जागरण संवाददाता, बरेली : सरकारी वाहनों के चालकों ने लापरवाही की तो खामियाजा अफसरों को भुगतना होगा। प
जागरण संवाददाता, बरेली : सरकारी वाहनों के चालकों ने लापरवाही की तो खामियाजा अफसरों को भुगतना होगा। परिवहन विभाग ने शासकीय वाहनों के चालकों को सीट बेल्ट लगाने का नियम अनिवार्य किया है। वाहन चलाते समय यदि चालक बिना सीट बेल्ट लगाए पकड़ा गया तो वाहन का चालान तो कटेगा ही, संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। इस दायरे में प्रदेश सरकार के सभी महकमों के अधिकारी आएंगे। इस बाबत सभी आरटीओ में आदेश भेजे गए हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट-1989 की धारा 125 के तहत चारपहिया वाहनों में चालक और अगली सीट पर बैठने वाले व्यक्ति को सीट बेल्ट लगाने का नियम है। लेकिन, आमजन तो छोड़िए सरकारी वाहनों के चालक ही इस नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। परिवहन अधिकारियों के मुताबिक चारपहिया वाहन से हुए सड़क हादसों में मरने वालों में ज्यादातर चालकों और आगे बैठी सवारी बिना सीट बेल्ट मिलती हैं। प्रदेश सरकार ने इस बारे में यूपी सड़क सुरक्षा कोष नियमावली बनाई है। आमजन को जागरूक करने की शुरुआत सबसे पहले सरकार ने अपने ही विभागों से की है।
जिले में 660 शासकीय वाहन
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वाहनों के लिए परिवहन विभाग में अलग पंजीयन श्रेणी निर्धारित है। एजी सीरीज में शासकीय वाहनों का पंजीयन किया जाता है। अपने जिले में भारी और हल्के चारपहिया वाहन मिलाकर कुल 660 शासकीय वाहन हैं। सबसे ज्यादा राजकीय वाहन पुलिस महकमे में हैं।
वर्जन...
चारपहिया वाहनों में चालकों को सीट बेल्ट लगाना सभी के लिए जरूरी है। राजकीय वाहनों के लिए सरकार ने सर्कुलर जारी किया है। संबंधित अधिकारियों को भी इसमें लापरवाही का दोषी माना जाएगा।
-आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन