650 रुपये में नहीं मिल रहे वीडियोग्राफर
जागरण संवाददाता, बरेली : आचार संहिता लगते ही प्रशासन सक्रिय हो जाता है। सभी कार्यक्रमों पर पैनी नजर
जागरण संवाददाता, बरेली : आचार संहिता लगते ही प्रशासन सक्रिय हो जाता है। सभी कार्यक्रमों पर पैनी नजर रखी जाती है। फिर चाहे राजनीतिक कार्यक्रम हों या फिर जुलूस या जनसभा। सभी की वीडियो रिकॉर्डिग होती है लेकिन पंचायती राज विभाग को 650 रुपये में वीडियोग्राफर नहीं मिल रहे हैं। इससे अफसरों के हाथ-पांव फूल रहे हैं।
चुनाव आयोग ने चुनाव से जुड़े सभी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी के निर्देश दिए हैं ताकि उसमें देखा जा सके कि कहीं आचार संहिता का तो उल्लंघन नहीं किया जा रहा है। इसके लिए आयोग ने बरेली में 20 वीडियोग्राफर रखने के आदेश दिए हैं। वीडियोग्राफर को 12 घंटे के 650 रुपये दिए जा रहे हैं। इस रकम में काम करने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है। इसी राशि में वीडियो की डीवीडी को तीन सीडी में भी कन्वर्ट कराना है। जबकि अकेले इस कार्य की कीमत ही 900 रुपये है। डीवीडी ही सौ रुपये की आती हैं। इसके अलावा दिन भर के मेहनताने में पूरी रिकॉर्डिग की एडिटिंग समेत खाना पीना और बाइक खर्च भी शामिल है। कुल मिलाकर 900 रुपये का तो सामान ही लग रहा है। वीडियोग्राफर इसके लिए कम से कम 1500 की मांग कर रहे हैं।