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कानून की पढ़ाई के लिए कानून ताक पर

जागरण संवाददाता, बरेली : बरेली कॉलेज प्रशासन ने लापरवाही की हद पार दी। पांच साल से बगैर मान्यता के क

By Edited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 12:58 AM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 12:58 AM (IST)
कानून की पढ़ाई के लिए कानून ताक पर

जागरण संवाददाता, बरेली : बरेली कॉलेज प्रशासन ने लापरवाही की हद पार दी। पांच साल से बगैर मान्यता के कानून की पढ़ाई करा रहा है। कॉलेज से एलएलबी की डिग्री लेने के बाद छात्रों ने वकालत के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया में आवेदन किया, तो काउंसिल ने कॉलेज के छात्रों का पंजीकरण करने से साफ मना कर दिया। स्पष्ट किया कि कॉलेज में वर्ष 2011-12 सत्र से ही कोर्स की मान्यता नहीं है। बिन मान्यता एलएलबी कोर्स चलाने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बरेली कॉलेज पर मय शुल्क के साथ 15 लाख जुर्माना लगा दिया। स्पष्ट किया है कि 15 दिन में अगर जुर्माना राशि अदा कर मान्यता नहीं ली गई, तो कॉलेज से पास-आउट एलएलबी छात्रों का देश के किसी भी राज्य में वकालत के पंजीकरण नहीं होगा।

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बरेली कॉलेज को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स की मान्यता वर्ष 2010-11 तक मिली थी। मान्यता समाप्ति की ओर बढ़ने पर काउंसिल ने बरेली कॉलेज को रिन्यूवल का रिमाइंडर भेजा। कॉलेज प्रशासन ने इसे नजरंदाज कर दिया, और वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 तक बिना मान्यता कानून की पढ़ाई कराई। डिग्री भी बांटता रहा। उधर कोर्स पूरा करने के बाद छात्र बार काउंसिल ऑफ इंडिया की शरण में वकालत के लिए पंजीकरण कराने पहुंचे। तब काउंसिल से कॉलेज के कारनामे की हकीकत पता लगी। अब छात्र, अपनी डिग्री की वैधता और काउंसिल में पंजीकरण कराने के लिए भटक रहे हैं।

जुर्माने के बाद खलबली

कॉलेज पर 15 लाख का जुर्माना लगने के बाद विधि विभाग से लेकर कॉलेज प्रशासन तक खलबली मची है। वहीं एलएलबी के पास आउट व अध्ययनरत छात्र भी भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं।

31 से पहले 3.5 लाख जमा करें

काउंसिल ने चालू शैक्षिक सत्र व अगले शैक्षिक सत्र की मान्यता के निरीक्षण के लिए 3.5 लाख रुपये आवेदन फीस 31 दिसंबर से पहले जमा करने को कहा है। सालाना निरीक्षण फीस व पंजीकरण के लिए 1.55 लाख रुपये जमा करने होते हैं।

वर्जन

कॉलेज की ओर से करीब दो लाख रुपये जमा किए गए थे। इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है। बहरहाल, जो भी शुल्क है, वह जमा किया जाएगा, छात्र निश्चिंत रहें। उनका नुकसान नहीं होगा।

-डॉ. सोमेश यादव, प्राचार्य बरेली कॉलेज


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