बिना अधिकार कैंट में चल रहा वाणिज्य कर का दफ्तर
जागरण संवाददाता, बरेली : छावनी क्षेत्र के भीतर वाणिज्य कर विभाग का दफ्तर ही बिना अधिकार के चल रहा है
जागरण संवाददाता, बरेली : छावनी क्षेत्र के भीतर वाणिज्य कर विभाग का दफ्तर ही बिना अधिकार के चल रहा है। एडिशनल कमिश्नर-ग्रेड-एक और वाणिज्य कर सचल दल विभाग के कार्यालयों को रक्षा सम्पदा अधिनियम के तहत अवैध तरीके से बंगलों में संचालित पाया गया है। रक्षा सम्पदा अधिकारी, बरेली ने दोनों विभागों के विभागाध्यक्षों को नोटिस भेजा है। इनसे बंगलों में कार्यालय संचालित करने के प्राधिकार पर जवाब मांगा है।
बरेली छावनी क्षेत्र के भीतर 54 पुराने बंगले हैं। इन्हें रक्षा सम्पदा की शब्दावली में ओल्ड ग्रांट बंगला (ओजीबी) कहा जाता है। रक्षा सम्पदा नियमों के तहत बंगलों को आवासीय उपयोग के लिए आवंटित किया गया था। इनमें मूल मालिक, नौकर या किराएदार ही रखे जा सकते हैं। लेकिन, इसके न तो बिना मंजूरी के निर्माण कराया जा सकता है, न उपयोग का उद्देश्य परिवर्तित करा सकते हैं।
एक दर्जन से ज्यादा बंगले चिह्नित
रक्षा सम्पदा विभाग ने इन ओल्ड बंगलों का दो सप्ताह पहले औचक निरीक्षण कराया। छावनी क्षेत्र के बंगलों में स्कूल से लेकर कोचिंग और सरकारी दफ्तर से लेकर गौशाला तक संचालित मिलीं। ऐसे एक दर्जन से ज्यादा बंगलों को चिह्नित किया है। इनमें बंगला नंबर 35 और 69 में चल रहे वाणिज्य कर विभाग के दफ्तर, बंगला नंबर-29 में बिना वैध प्राधिकार के लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट भी संचालित मिले। इनके मालिकों के साथ ही संस्थानों व प्रतिष्ठानों के प्रमुखों को भी नोटिस जारी कर दिए हैं।
इनका कहना है..
छावनी क्षेत्र में स्थित बंगलों को पूर्व में आवंटित किया गया था। लेकिन कइयों में आवासीय उपयोग से इतर भी गतिविधियां मिली हैं। एक दर्जन से ज्यादा बंगलों के मालिक और निवासियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।
-प्रमोद कुमार सिंह, रक्षा
संपदा अधिकारी