पांच में से तीन पूछ रहे, चाइना तो नहीं है
-सोशल मीडिया पर विरोध का बाजारों में दिख रहा असर -ग्राहक पूछकर खरीद रहा सामान, स्वदेशी उत्पाद पहली
-सोशल मीडिया पर विरोध का बाजारों में दिख रहा असर
-ग्राहक पूछकर खरीद रहा सामान, स्वदेशी उत्पाद पहली पसंद
जागरण संवाददाता, बरेली : सोशल मीडिया से शुरू हुई चाइनीज माल के बहिष्कार की मुहिम का असर अब बाजारों में भी दिखने लगा है। पांच में से तीन लोग सामान खरीदने से पहले पूछ रहे है कि माल चाइनीज है या स्वदेशी। इस बार दिवाली पर ग्राहकों की पहली पसंद स्वदेशी उत्पाद है। पिछले साल तक सस्ते के फेर में ग्राहक चाइनीज माल की ओर भाग रहा था, लेकिन इस बार चाइना बहिष्कार के चलते लोग स्वदेशी उत्पाद की मांग कर रहे हैं। स्वदेशी उत्पाद न होने पर ही वह चाइना की ओर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि कुछ लोग बहिष्कार के बाद भी चाइनीज उत्पाद को तवज्जो दे रहे हैं।
उरी हमले के बाद देश के लोगों के मिजाज में एकदम से परिवर्तन देखने को मिला। पकिस्तान को आंतकवादी देश घोषित करवाने की मांग की गई, लेकिन चीन पकिस्तान के समर्थन में उतर आया। इसके बाद चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। चाइना के उत्पाद के बहिष्कार की मुहिम शुरू हुई। इस मुहिम को सोशल मीडिया ने सबसे ज्यादा प्रभावी रूप से उठाया। सोशल मीडिया पर तेज विरोध के बाद लोगों पर इसका कुछ हद तक असर भी हुआ है। बाजारों में भी इसका प्रभाव दिखाई पड़ रहा है। रोडवेज स्थित इलेक्ट्रोनिक बाजार के दुकानदार राजेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार ग्राहक सामान खरीदते समय चाइनीज होने की बात जरूर पूछता है। साथ ही स्वदेशी विकल्प तलाशने का प्रयास करता है। स्वदेशी विकल्प मौजूद होने पर उसकी पहली पसंद वही होती है। विकल्प नहीं होने पर मजबूरी में ही वह चाइनीज आइटम खरीद रहे है। त्योहार पर घरों को सजाने के लिए ग्राहक मिट्टी से बने रंगीन दिये, इंद्रधनुष के रंगों वाले इलेक्ट्रॉनिक झूमर और इंडियन कंदील आदि को पसंद कर रहा है।
चीनी सामान बहिष्कार की शपथ दिलाई
बरेली : सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ग्रीन पार्क में घर-घर जाकर लोगों को चीनी सामान के बहिष्कार की शपथ दिलाई। चंद्रपाल गुप्ता, आमोद सिंह, श्रीराम आदि ने विचार रखे। उधर, संकल्प संस्था ने भी श्री महावीर सक्सेना कन्या इंटर कॉलेज, आर्य समाज भूड़ में जाकर विद्यार्थियों को चीनी सामान बहिष्कार की शपथ दिलाई। इस मौके पर सुरेश बाबू मिश्रा, विनोद गुप्ता, प्रधानाचार्य डा. चंद्रा मिश्रा, इंद्रदेव त्रिवेदी आदि रहे।