सूखा भादों सुखा गया धान
जागरण संवाददाता, बरेली : एक पखवाड़े से अपेक्षा के अनुरूप बारिश न होने से धान की फसल सूखती जा रह
जागरण संवाददाता, बरेली : एक पखवाड़े से अपेक्षा के अनुरूप बारिश
न होने से धान की फसल सूखती जा रही है। सूड़ी ने भी फसल पर हमला बोल दिया है। दवा का छिड़काव भी बेअसर साबित हो रहा है। यदि दो-चार दिन में बारिश नहीं हुई तो फसल चौपट हो जाएगी। ऐसे में किसान अब इंद्रदेव से आस लगाए बैठा है।
इस साल धान का रकबा कृषि विभाग ने बढ़ाकर दो लाख हेक्टेयर कर दिया। कृषि विभाग को उम्मीद थी कि 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार होगी। कारण, इस बार मौसम विज्ञानियों ने मानसून का प्रभाव पूरा बताया था। पानी मिलेगा तो धान लगातार बढ़ेगा, लेकिन ¨हदी कैलेंडर के अनुसार भादों माह का एक पखवाड़ा बीत गया। बारिश पांच से सात एमएम ही दर्ज की गई जो कि सामान्य से कई गुना कम है। धरती की प्यास बढ़ी तो धान सूखने लगा। नमी की कमी से सूड़ी ने हमला बोल दिया। इससे फसल सूखती जा रही है। फरीदपुर, नवाबगंज, बिथरी चैनपुर क्षेत्र में फसल अधिक प्रभावित हुई है। इसी तरह उर्द में भी पानी की कमी हो गई है। इसके पत्ते भी पीले पड़ने लगे हैं।
मिल सकती है राहत
सोमवार को दिनभर गर्मी ने लोगों को सताया। शाम चार बजे अचानक कम दबाव का क्षेत्र बना और बादल बन गए। शाम पांच बजे के बाद बारिश हुई लेकिन पांच एमएम ही दर्ज की गई। ग्रामीण इलाकों में भी बारिश कम दिखी। यह धान की फसल के लिए पर्याप्त नहीं है। हालांकि मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटे में पांच से दस एमएम बारिश के आसार और बताए हैं। शाम को बारिश होने से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। तापमान में भी गिरावट महसूस की गई। अधिकतम तापमान 35.1 व न्यूनतम 28.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
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धान का उत्पादन प्वाइंट में प्रभावित हो सकता है लेकिन सोमवार की बारिश से कुछ राहत मिलेगी। आगे भी बारिश के आसार हैं। पैदावार बने रहने की उम्मीद है।
- डॉ. रामतेज यादव, जिला कृषि अधिकारी
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कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। बादल बनने से बारिश हुई। अगले 24 घंटे में भी बारिश के पूरे आसार हैं। इससे तापमान में गिरावट भी आएगी।
- डॉ. एचएस कुशवाहा, मौसम विज्ञानी