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एक लौ ने बुझा दिए दीपक

जागरण संवाददाता, बरेली : मोमबत्ती से निकली लौ ने दो परिवारों के छह दीपक बुझा दिए। जिन बच्चों से इन घ

By Edited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 02:04 AM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 02:04 AM (IST)
एक लौ ने बुझा दिए दीपक

जागरण संवाददाता, बरेली : मोमबत्ती से निकली लौ ने दो परिवारों के छह दीपक बुझा दिए। जिन बच्चों से इन घरों में उजियारा था, जिनकी आवाज से आंगन चहकता था, उसी आंगन में उनकी चिता बन गई।

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राजू और रजनी के सात बच्चे थे। सबसे बड़ी सोनी की शादी गुड्डू से हुई थी। बाकी छह बच्चे उनके साथ रहते थे। सोनी भी पति गुड्डू और बेटे देव, समर व बेटी महिमा के साथ इसी घर में थी।

संगम रोज की तरह तड़के बर्फ फैक्ट्री जाने के लिए तैयार हुए। लाइट नहीं थी इसलिए मोमबत्ती जलाकर रख दी। खुद तैयार होकर चले गए मगर मोमबत्ती कमरे जलती रह गई। इसी कमरे में सलोनी, दुर्गा, सानिया समेत राजू के चार बच्चे और गुड्डू का बेटा देव व महिमा सो रहे थे। संगम चले गए मगर मोमबत्ती जलती छोड़ दी। यही मोमबत्ती कपड़ों पर गिरी और आग लग गई।

पॉलीथीन ने दम घोट दी

कमरे पर छत की जगह खपरैल थी जिसे बनाने के लिए पॉलीथीन का इस्तेमाल किया गया था। पोस्ट मार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक पॉलीथीन जलने से पैदा हुई गैस की वजह से मासूमों का दम घुट चुका था। दम घुटने के बाद मासूम बचाव के लिए भाग भी नहीं सके।

इनसेट ---

अंगारों में खोजकर निकाले कोयला बन चुके शव

जिस घर में एक दिन पहले तक जिंदगी खेलती थी, अग्निकांड के बाद उसी घर में अंगारों के बीच कोयला बन चुके शवों को खोजना पड़ रहा था। शुक्रवार सुबह मौके पर पहुंचे आलाधिकारी भी मासूमों के अधजले शवों को देखकर सिहर उठे, दबे पांव मौत ने आकर छह मासूम जिंदगियों को इस तरह आगोश में लिया कि मासूम उफ तक नहीं कर सके थे। अमूमन चेहरे से सख्त दिखने वाले अधिकारियों के चेहरों पर भी दुख साफ छलक रहा था। छोटे से कमरे में तकरीबन हर चीज खाक हो गई थी, चारदीवारी के बीच सिर्फ कोयला बन चुके शव और राख हो चुका सामान ही बचा था।

छह साल का देव नहीं रहा

पीलीभीत में परिवार को जब हादसा की जानकारी मिली तो वह तुरंत बरेली के लिए निकल पड़ा। गुड्डू ने बताया कि सभी बाइक पर पीलीभीत पहुंचे थे। यही वजह रही कि बच्चों को घर पर ही छोड़ दिया गया था कि एक दिन बाद लौट आना है। गुड्डू ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले शाहिद का फोन आने पर उन्हें हादसे की जानकारी हुई, जिसके बाद वह परिवार के साथ निकल पड़े। यहां पहुंचे तो उनके घर का चिराग छह साल का देव अब इस दुनिया में नहीं रहा था। गुड्डू की पत्नी शोभा बदहवास सी हो गई।


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