जलती रहीं जिंदगियां, लोग जल ढूंढते रह गए
जागरण संवाददाता, बरेली : बेशक ये चूक संगम की थी जो जलती हुई मोमबत्ती कमरे में छोड़ गया था। आग की वजह
जागरण संवाददाता, बरेली : बेशक ये चूक संगम की थी जो जलती हुई मोमबत्ती कमरे में छोड़ गया था। आग की वजह यही बताई जा रही है। यहां सवाल यह खड़ा हुआ कि ऐसी आपदा से बचाने के लिए या नुकसान कम से कम हो, इसके लिए हमारे पास कोई इंतजाम क्यों नहीं। लोग आकर बसते गए, जिंदगी यहां चल पड़ी थी। लपटें आफत बनकर आई तो छह जिंदगियों को बचाने के लिए पानी तक ढूंढे से नहीं मिला। बचाव कार्य में लगे लोगों के सामने छह जिंदगियां जल रहीं थीं मगर जल के लिए हो रही जद्दोजहद में वो हार गये।
किला छावनी में जहां घटना हुई, वहां बस्ती को खूब है मगर जब जरूरत पर तलाशा गया तो एक हैंडपंप तक नहीं मिला। आग बुझाने के लिए लोग परेशान होकर नल तलाशते रहे मगर नहीं मिला। अपने घरों में इकट्ठा पानी को उलीचते रहे कि आग बूझ सके।
जलसंकट से जूझता इलाका
सुबह को जिस वक्त ये हादसा हुआ सरकारी नल भी सूखे पड़े थे। हादसे के बाद ये बात भी खुलकर सामने आई कि पूरा क्षेत्र जल संकट से जूझ रहा है। आग फैल रही थी, सामान जल रहा था। एक वक्त ऐसा भी हादसे के वक्त आ गया जबकि पास में बहने वाले नाले से लोगों ने पानी निकालने का निश्चिय किया, हालांकि इससे पहले ही दमकल गाड़ी पहुंच गई थी।
इनसेट
बिजली की आवाजाही से लगी आग
लोगों में इसलिए भी आक्रोश दिखा क्योंकि हादसे के वक्त बिजली नहीं थी। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में सिर्फ पानी की किल्लत नहीं है, बल्कि बिजली भी नहीं रहती है। अगर बिजली आती भी है तो वोल्टेज लो रहता है। यहीं वजह है कि ज्यादातर घर मोमबत्ती और कुप्पी के भरोसे रौशन होते हैं।
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आग लगने के कारण
- बिजली के तारों के शार्ट सर्किट से
- मानवीय चूक से आग लगने की घटनायें होती है।
- ज्वलनशील पदार्थ का खुले में लापरवाह इस्तेमाल की वजह से आग लग जाती है।
आग लगे तो क्या करें
- बिजली के तारों या उपकरण में आग हो तो बालू या धूल डालकर आग बुझाने का प्रयास करें
- सामान्य आग पर पानी डालकर काबू पाया जा सकता है।
- अग्निशमन विभाग की हेल्पलाइन पर संपर्क करें।