शवों के आकार से मासूमों को पहचाना
जागरण संवाददाता, बरेली : रोंगटे खडे़ देने वाला दृश्य था। अधजले शरीर मानो कोयले जैसे तब्दील हो चुके थ
जागरण संवाददाता, बरेली : रोंगटे खडे़ देने वाला दृश्य था। अधजले शरीर मानो कोयले जैसे तब्दील हो चुके थे। पास जाने की बात तो छोड़िए, दूर से ही जो देख रहा था, सिहर जा रहा था। एक मां भी उन लोगों के बीच चीख रही थी। किसी ने बताया था कि चंद कदम दूरी पर पड़े अधजले बच्चों में उसके बच्चों के शव भी हैं। वह बिलखते, चीखते और पछाड़ें खाते हुए आगे बढ़ गई। जिन शवों को देखकर लोग दूर से आंखें फेरने को मजबूर थे, उन लाशों के बीच मां अपने मासूमों को तलाशने लगी। कभी कालिख में लिपटे शवों को पकड़कर चीख पड़ती तो कभी बच्चों का नाम लेकर उठाने की कोशिश करती। कभी सीने से लगा लेती तो कभी पास में दूसरे शव को उठाने की कोशिश करती।
देखने वालों का दिल फटा जा रहा था, कलेजा दहल रहा था। कुछ महिलाएं हिम्मत कर उनके पास पहुंची। संभालने की कोशिश की। इसके बाद बच्चों के आकार से उनके शवों को पहचाना गया। लिखापढ़ी हुई और पोस्टमार्टम को भेजा गया।