वाई शेप बिल्डिंग में अब सिर्फ मुख्य द्वार से प्रवेश
जागरण संवाददाता, बरेली : आइवीआरआइ प्रबंधन ने वाई शेप बिल्डिंग में प्रवेश के लिए अब सिर्फ मुख्य द्वार
जागरण संवाददाता, बरेली : आइवीआरआइ प्रबंधन ने वाई शेप बिल्डिंग में प्रवेश के लिए अब सिर्फ मुख्य द्वार ही खुला रखा है। दैनिक जागरण में सुरक्षा संबंधी खबर प्रकाशित होने के बाद बिल्डिंग के दोनों ओर मौजूद अन्य दोनों गेट बंद कर दिए गए हैं। वहीं सीओ ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
एफएमडी वैक्सीन की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाले प्रधान वैज्ञानिक डॉ. भोजराज सिंह ने पुलिस-प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी। साथ ही लैब व अपने ऑफिस में भी सुरक्षा बढ़ाने की बात कही थी। अपनी शिकायत में डॉ. भोजराज ने कहा कि इन दोनों ही जगह उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं इसलिए वहां भी सुरक्षा जरूरी है। मगर अब दोनों ही जगह सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सिर्फ दो गार्ड जरूर मुख्य द्वार पर बैठाए गए हैं जो आने-जाने वाले लोगों की एंट्री करते हैं।
गार्ड नहीं जानते किसकी करनी है सुरक्षा
बताया जाता है कि शुक्रवार को सुरक्षा पर बैठे दोनों गार्डो से किसी व्यक्ति ने पूछा कि किसकी सुरक्षा के लिए यहां बैठे हो, तो वे नहीं बता सके। वहीं जब उनसे डॉ. भोजराज को पहचानने के बारे में पूछा तो दोनों ने उससे भी इन्कार कर दिया।
पीएम और कृषिमंत्री तक पहुंचा मामला
एफएमडी वैक्सीन की गुणवत्ता पर उठा सवाल और यह पूरा प्रकरण अब प्रधानमंत्री व कृषिमंत्री तक पहुंच गया है। डॉ. भोजराज ने पीएमओ और केंद्रीय कृषिमंत्री राधामोहन सिंह के फेसबुक पर इसका लिंक शेयर किया है।
मदद के लिए बना फेसबुक पेज
इस लड़ाई में डॉ. भोजराज की मदद के लिए फेसबुक पर जय ¨हद के नाम से पेज बनाया गया है। इस पर कहा गया है कि वह एक ऐसी कंपनी से केस लड़ रहे हैं जिसकी वैक्सीन से दूध देने वाले बहुत सारे पशुओं की मौत की जिम्मेदार है। कृपया उन्हें सपोर्ट करें। इसके नीचे डॉ. भोजराज का मोबाइल नंबर व अन्य डिटेल दी गई है।
वैज्ञानिक से मिले सीओ
शुक्रवार को सीओ तृतीय आइपीएस आकाश तोमर ने डॉ. भोजराज से मुलाकात कर इस प्रकरण में जानकारी ली। बताया जाता है कि उन्होंने केस से संबंधित कुछ दस्तावेज भी लिए हैं। अब जल्दी ही वह आइवीआरआइ के निदेशक डॉ. आरके सिंह से मिलेंगे। फिलहाल सीओ ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इन्कार किया है।