एप्स फ्री में खा रहे आपके मोबाइल का इंटरनेट डाटा
जागरण संवाददाता, बरेली : एक जीबी इंटरनेट डाटा पैक का रीचार्ज कराया और कुछ दिन में ही सारा डाटा खर्च
जागरण संवाददाता, बरेली : एक जीबी इंटरनेट डाटा पैक का रीचार्ज कराया और कुछ दिन में ही सारा डाटा खर्च हो गया, तो आप इस सोच में जरूर पड़ जाएंगे कि ऐसा हुआ कैसे हुआ, डाटा कहां गया ? तो जान लीजिए यह आपके मनचाहे मोबाइल एप्स की ही देन है। फ्री के यह एप्स आपका इंटरनेट डाटा दीमक की तरह चाट जाते हैं। केवल इंटरनेट डाटा ही नहीं बल्कि आपके मोबाइल का सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों के लिए ही खतरनाक साबित हो सकता है।
मोबाइल पर जो भी फ्री के एप्स डाउनलोड कतरे हैं उसको इंस्टाल करते ही आपकी सारी जानकारी एप्स लांच करने वाली कंपनी के पास पहुंच जाती है। जब आप एप्स ऑन करते हैं तो एप्स एक खुफिया एजेंट की तरह जानकारी कंपनी तक पहुंचा देता है कि यूजर ने अपना मोबाइल ऑन किया है। इसके बाद कंपनी का खेल शुरू होता है। विज्ञापन के जरिए आपके न चाहते हुए भी कई लिंक पर भेज देता है। मोबाइल पर विज्ञापन पर विज्ञापन आते रहते हैं, कई बार अपने आप ही डाउलोड का लिंक खुल जाता है। कई फालतू की फाइल्स भी डाउनलोड हो जाती है। जो इंटरेनट डाटा एक माह तक चलता वो एक सप्ताह में ही खत्म हो जाता है। कई बार ये खतरनाक फाइलें मोबाइल का काम तमाम कर देती हैं। साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल कहते हैं कि इस प्रकार के केस काफी तेजी बढ़े है। कई बार मोबाइल का हार्डवेयर और साफ्टवेयर दोनों ही डैमेज हो गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलता खेल
एक्सपर्ट की माने तो इंटरनेट सर्विस दाता कंपनी, विभिन्न कंपनियां, मोबाइल कंपनियों से, विभिन्न रिटेल कंपनी, यहां तक ई-कॉमर्स मोबाइल एप्स से इनकी सांठगांठ रहती है। इतना ही नहीं कई बार इन्हीं के जरिए हैकर्स तक जानकारी पहुंचती है क्योंकि एप्स इंस्टाल होते ही इंटरनेट के जरिए आपके मोबाइल को एक्सेस किया जा सकता है। मेल से लेकर फोल्डर तक एक्सेस किए जा सकते हैं।
क्या करें यूजर्स
एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल बताते हैं कि अगर आप इन फ्री एप्स के हमलों से बचना चाहते हैं तो जो भी एप्स खोले तो डाटा ऑफ कर दें। इसके साथ ही बेजरूरत के एप्स मोबाइल में न रखें। अगर विज्ञापन स्क्रीन पर आता है तो उसपर क्लिक न करें। अगर कोई फालतू की फाइल डाउनलोड हुई तो उसको अपने कार्ड या इंटरनल स्टोरेज में न रखें उसको नष्ट कर दें।