कंपाउंडर की मौत, डॉक्टर पर आरोप
-घर से गया था अस्पताल, देर रात मिली मौत की सूचना -दुर्घटना में घायल होने की नहीं दी जानकारी, डॉक्ट
-घर से गया था अस्पताल, देर रात मिली मौत की सूचना
-दुर्घटना में घायल होने की नहीं दी जानकारी, डॉक्टर पर परिजनों ने लगाया आरोप
जागरण संवाददाता, बरेली : बदायूं रोड पर सड़क हादसे में घायल कंपाउडर की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। घंटों देरी बाद मौत की जानकारी देने पर परिजन भड़क गए। उन्होंने डॉक्टर पर ही हत्या कर मौत को हादसा बताने का अरोप लगाया। परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी। मगर रात में ही एक अस्पताल कर्मचारी की तहरीर पर पुलिस ने दुर्घटना का मुकदमा दर्ज कर लिया था।
मढ़ीनाथ निवासी महिपाल सेना में तैनात है। उनके तीन बेटों में सबसे बड़ा बेटा भगवान दास उर्फ सुनील भास्कर बदायूं रोड गन्ना मिल के सामने मेधांश अस्पताल में कंपाउडर थे। बुधवार को वह घर से अस्पताल गए। गुरुवार रात 11 बजे के करीब अस्पताल का एक कर्मचारी भोला सुनील के घर पहुंचा और उनके छोटे भाई सुशील को सुनील की मौत की जानकारी दी। जिसके बाद परिजन अस्पताल पहुंचे तो सुनील की लाश लहूलुहान हालत में बेड पर पड़ी थी।
मौत के बारे में पूछने पर अभद्रता
सुनील के छोटे भाई ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल के डॉक्टर मुकेश जौहरी ने उनसे बात करने से मना कर दिया। लाश घर ले जाने को कहा। जब उन्होंने सुनील की मौत के बाबत अस्पताल के अन्य कर्मचारियों से जानकारी मांगी तो किसी ने भी कुछ नहीं बताया।
लगाया हत्या का आरोप
मौत की जानकारी न देने पर परिजनों का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप था कि भाई जब घायल था तो उस दौरान सूचना क्यों नहीं दी गई। छोटे भाई सुशील और परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर ने ही उनके भाई की हत्या कर मौत को हादसा बताया है। वहीं अस्पताल के मालिक डॉक्टर मुकेश जौहरी ने बताया कि सुनील की मौत हादसे में हुई थी। रात में सुनील एंबुलेंस में बैठा था कि उसी दौरान सामने से एक तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। सुनील के साथ मौजूद दूसरा साथी अभी भी अस्पताल में है।