जाम से बदायूं रोड पर थमी जिंदगी, एक की मौत
बरेली/भमोरा : अराजक हुए यातायात और अफसरों की लापरवाही से लगे जाम ने शनिवार को एक बीमार महिला की जिंद
बरेली/भमोरा : अराजक हुए यातायात और अफसरों की लापरवाही से लगे जाम ने शनिवार को एक बीमार महिला की जिंदगी निगल ली। महिला को निजी वाहन में उपचार को बरेली ले लाया जा रहा था लेकिन वह जाम से फंस गई। परिजन गाड़ी निकलवाने के लिए पुलिसकर्मियों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे। महिला जिंदगी की जंग हार गई।
श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर रामगंगा में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने बरेली, बदायूं से आने वाले भारी वाहनों को रामगंगा की ओर जाने से रोक दिया। इससे दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। इसके बावजूद वाहन चालक उसमें जबरन घुसकर वाहन निकालने के प्रयास में लग गए। नतीजतन स्थिति बिगड़ने लगी। बरेली-बदायूं राजमार्ग पर शनिवार सुबह करीब दस बजे जाम लगने का सिलसिला शुरू हुआ और फिर स्थिति लगातार बिगड़ने लगी। रोडवेज बस, कार और एंबुलेंस समेत सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए। चिलचिलाती धूप में जाम में फंसे वाहन सवार गर्मी से बेहाल हो गए। कुछ यात्री वाहन छोड़कर जाम से बचने के लिए पैदल ही आगे बढ़ने लगे। इसी जाम में थाना बिल्सी के गांव वभेड़ निवासी ज्ञान सिंह फंसे हुए थे। उन्होंने बताया कि उनके भतीजे सुरेन्द्र पाल की पत्नी आरती (25) की अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसे बिल्सी के एक निजी अस्पताल में डाक्टरों ने आंत का फटना बताते हुए बरेली को रेफर कर दिया। वह आरती को निजी वाहन से लेकर चल दिए। उनका वाहन भमोरा थाना क्षेत्र में भगवानपुर फिलिंग स्टेशन के पास फंस गया। चार घंटे जाम में फंसे रहने के कारण आरती दर्द से तड़प तड़प कर मौत हो गई।
हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाए परिजन
आरती की जिंदगी और मौत के बीच सिर्फ दो घंटे का फासला था। बदायूं से बरेली भेजते समय डॉक्टरों ने कहा कि था कि अगर दो घंटे में बरेली पहुंच गए तो उसकी जान बच जाएगी। इसके चलते परिजनों ने जाम में फंसने पर पुलिस कर्मियों की मिन्नतें कीं। उनके आगे रोए गिड़गिड़ाए लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही और आरती ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।
परेशान हुए बहन-भाई
शनिवार को रक्षाबंधन का त्योहार था। घरों से दूर रहकर नौकरी करने वाले लोग त्योहार मनाने के लिए घरों को लौट रहे थे। बहनें भी राखी बांधने के लिए मायके जा रही थीं लेकिन जाम के चलते उन लोगों को खासा परेशान होना पड़ा। इसके चलते कुछ लोग रास्ते से ही वापस भी हो गए।
एंबुलेंस में तड़पते रहे मरीज
आरती की जाम में फंसने से मौत हो गई लेकिन उनके अलावा भी कई अन्य मरीजों को लेकर जा रही एंबुलेंस जाम में फंस गई। इसके चलते भीषण गर्मी के बीच एंबुलेंस में पड़े मरीज तड़पते रहे।
तब हरकत में आई पुलिस
सुबह से ही रामगंगा व उसके आसपास अराजक स्थिति थी लेकिन वहां पर व्यवस्था संभालने के लिए न तो ट्रैफिक पुलिस ही थी और न ही थाना पुलिस। जब यह सूचना डीआइजी आरकेएस राठौर के कार्यालय पहुंची तो वायरलेस पर अलर्ट जारी किया गया। इसके बाद एसपी ट्रैफिक ओपी यादव, टीएसआइ मनोज पटेल आदि ने चौबारी की ओर दौड़ लगाई। जाम खुलवाने के प्रयास शुरू हुए लेकिन शाम चार बजे तक वहां स्थितियां बेकाबू रही।
बॉक्स
खड़ी हुई ट्रेन
आसपास के पैदल राहगीरों ने जाम के चलते ट्रेन के पुल को नदी पार करने के लिए चुना। इसके चलते चंदौसी की ओर से आ रही दिल्ली-पैसेंजर भी पुल पर खड़ी हो गई।
वर्जन
आज श्रावण पूर्णिमा का स्नान था और रक्षाबंधन की भीड़ भी थी। मैंने स्वयं मौके पर मौजूद रहकर जाम खुलवाया। शाम करीब चार बजे ट्रैफिक शुरू करा दिया गया।
ओपी यादव, एसपी ट्रैफिक